महाराष्ट्र सरकार ने उन बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किये है जिन बैंकों ने अभी तक ऋण के लक्ष्य को पूरा नहीं किया है। राज्य सरकार ने कई बार बैंकों को किसानों की मदद करने के आदेश भी दिए लेकिन उसके बावजूद भी बैंक ऋण लक्ष्य को पार करने में खरा नहीं उतरा।
महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों के लगभग 24 शाखा प्रबंधकों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के आदेश जारी किया है, जिन्होंने अभी तक किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लक्ष्य को पूरा नहीं किया है, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक। अमरावती की कलेक्टर किरण गिट्टे ने कहा कि उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 188 लागू कर दी है।
5 लाख से अधिक किसान, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में ऋण न मिलने के कारण खरीफ फसलों की बुआई करने में सक्षम नहीं हो पा रहा है और जिसके चलते 48 घंटों में 8 से अधिक किसानों को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा है।
गौरतलब है कि अकोला, भंडारा, यवतमाल और चंद्रपुर के कलेक्टरों ने भी भारतीय दंड संहिता की धारा 188 लागू कर दी है। आरबीआई के निर्देशानुसार वित्तीय संस्थानों को प्राथमिक क्षेत्र में ऋण प्रदान करने की जिम्मेदारी है।
आईपीसी की धारा 188 के तहत 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों जैसे इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और देना बैंक के शाखा प्रबंधकों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के आदेश दिए है और लगभग 14 सहकारी बैंकों को नोटिस भेजा गया है।