आर्थिक मामलों से संबंधित मंत्रिमंडल समिति ने 200 करोड़ रू के बजट आवंटन से एग्रीटेक अवसंरचना निधि के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि बाजार को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय क्षेत्र स्कीम को मंजूरी दी है।
योजना के तहत एक ई-प्लेटफार्म को स्थापित किया जाएगा और पूरे देश में 585 चुनिन्दा थोक विक्रय विनियंत्रित मंडियों के विकास एवं आधुनिकीकरण किया जाएगा। लघु कृषक कृषि व्यवसाय संघ (एसएफएसी) राष्ट्रीय बाजार के कार्यान्वयन पर नजर रख रही है।
केन्द्र सरकार राज्यों को नि:शुल्क साफ्टवेयर प्रदान करेगी और संबंधित उपस्कर/अवसंरचना स्थापित करने के लिए प्रति मंडी हार्डवेयर हेतु 30 लाख रू. भी उपलब्ध कराया जाएगा।
इस पहल से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन्मुख बनाने की दिशा में 9 और 10 जुलाई, 2015 को हुबली, कर्नाटक में ई-विपणन प्लेटफार्मों की कार्य प्रणाली के साक्षी होने के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के कृषि विपणन प्रभारी मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ अगुवाई करेंगे।
इस परियोजनार्थ कर्नाटक सरकार तथा एनसीडीईएक्स स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में एक विशेष परियोजन वाहन (एसपीवी), राष्ट्रीय ई-मंडी सेवा प्राइवेट लिमिटेड (आरइएमएस) की स्थापना करके कृषि उत्पाद के ई-प्लेटफॉर्म पर व्यापार के कार्यान्वयन में कर्नाटक अग्रणी है ।
9 तथा 10 जुलाई 2015, कर्नाटक के अध्ययन में कृषि मण्डी सुधार संबंधी प्रस्ताव तथा विपणन प्लेटफॉर्म तथा इसके मापदण्डों के साथ इसे स्थापित करना शामिल होगा। हुबली तथा सीरसी में एपीएमसी का दौरा मण्डी सहभागियों के साथ पारस्परिकता तथा यूएमपी के प्रचालन के अवलोकन के लिए निर्धारित किया गया है। इस दौरे से राष्ट्रीय कृषि मण्डी के कार्यान्वयन हेतु आगे की नीतियों की बेहतर समझ को बढ़ावा देने की उम्मीद की जाती है, पीआईबी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।