एनसीयूआई के क्षेत्र प्रोजेक्टों से जुड़ी समस्याओं पर बुधवार को कृषि मंत्रालय में एक अहम बैठक हुई। इस बैठक से निष्कर्ष निकला कि सरकार प्रोजेक्ट अधिकारियों द्वारा वेतन में वृद्धि मांग की को मान लेगी।
भारतीय सहकारिता ने अतीत में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें शीर्ष संस्था एनसीयूआई के कई शासी परिषद के सदस्य क्षेत्र प्रोजेक्टों के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने खुले तौर से इसको बंद करने की मांग की थी। लेकिन बुधवार को केंद्रीय पंजीयक और एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ दिनेश समेत एनसीयूआई के शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई बैठक कर्मचारियो के लिए एक अच्छी खबर लेकर आई है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को 25,000 हजार रुपए और 18,000 हजार रुपए का समेकित मासिक वेतन मिलेगा। जो शेष 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी का कुल 70 प्रतिशत है।
केंद्रीय पंजीयक ने क्षेत्र प्रोजेक्टों के बारे में कहा कि अभी तक पैसों की कोई कमी नहीं है। यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है और अधिकारी बहुत अच्छे ढंग से कार्य करने में सत्रम है, सूत्रों का कहना है।
आशीष भूटानी ने केंद्रीय योजनाओं को क्षेत्र अधिकारियों की मदद से लागू करने की बात कही। पाठकों को याद होगा कि 42 क्षेत्र प्रोजेक्ट है जिसमें 120 लोग काम कर रहे हैं। इन पर सालना करीब 4 करोड़ का खर्च होता है, कुछ ज्यादा खर्च करने से क्षेत्र प्रोजेक्टों से जुड़ी मस्याओं को दूर किया जा सकता है, सूत्रों का कहना है।
इससे पहले, सरकार और एनसीयूआई ने व्यय को 50:50 के आधार पर शेयर करने की बात की थी। लेकिन बुधवार की बैठक में सरकार ने एनसीयूआई को सहकारी शिक्षा के कोष से खर्च करने के लिए कहा ताकि प्रोजेक्टों का ठीक से संचालन हो सके।
सहकारी शिक्षा के लिए 75 करोड़ रुपय की राशि दी जाती है और लाभदायक सहकारी समितियां लगभग 12 से 13 करोड़ रूपए सहकारी शिक्षा के लिए कोष के रूप में प्रदान करती है क्योंकि एमएससीएस अधिनियम 2002 के तहत लाभदायक सहकारी समितियों को अपने लाभ का 1 प्रतिशत देना होता है।