कृषि

एन.ए.एम. एक “वर्चुअल” मार्केट:मंत्री

केन्‍द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने गुरुवार को कर्नाटक सरकार द्वारा ए.पी.एम.सी. में शुरु की गई इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की लाइव फंक्शनिंग को देखने के लिए हुबली में 23 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से आए मंत्रियों के स्टडी टूर को सम्बोधित किया।

श्री सिंह ने कहा कि “हम राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई बेस्ट प्रैक्टिस को सीखने और अन्य राज्यों के साथ शेयर करने के उद्देश्य से यहां आए हैं। यह दौरा हमारी सहकारी फेडरेलिज्म की भावना को दर्शाती है तथा दूसरी हरित क्रान्ति केवल मार्केटिंग रिवोल्यूशन से ही संभव हो सकती है।”

इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय कृषि बाजार की स्थापना को हरी झंडी दिखाई थी। सिंह ने कहा कि हम सभी इस बात से सहमत हैं कि भारत में किसानों, ट्रेडिंग कम्यूनिटी तथा उपभोक्ताओं के व्यापक लाभ के लिए एग्रीकल्चर मार्केट को आधुनिकीकरण और सुधार किए जाने की आवश्यकता है ।

भारत में अनेक देशों की अपेक्षा अकुशल और पुरानी मार्केटिंग प्रैक्टिस की वजह से कृषि उपज का बहुत बड़ा हिस्सा वेस्ट हो जाता है। कृषि मार्केटिंग प्रैक्टिस को सुधार किए बिना हम किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य नहीं दिलवा सकेंगे। मंत्री ने कहा कि दूसरी हरित क्रान्ति केवल मार्केटिंग रिवोल्यूशन से ही संभव हो सकती है।

नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट की कल्पना अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल के रुप में की गई है जिसका उद्देश्य कृषि जिन्सों के लिए यूनिफाइड नेशनल मार्केट तैयार करने हेतु मौजूदा ए.पी.एम.सी. और अन्य मार्केट यार्डों का नेटवर्क तैयार करना है। एन.ए.एम. एक “वर्चुअल” मार्केट है लेकिन इसके बैक एंड फिजिकल मार्केट (मंडी) भी है।

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