बिहार के सोनपुर जिले के डुमरी बुजुर्ग गांव में बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह की मां चन्दा देवी की तेहरवीं के अवसर पर कई राज्य समेत राष्ट्रीय राजनेताओं काे आते-जाते हुए देखा गया।
नेताओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सहकारी राजनीति चुनावी राजनीति से बिल्कुल अलग है। दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव के साथ-साथ उनके समर्थक भी सुनील सिंह के यहां शोक प्रकट करने के लिए आये थे।
सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से वक्त निकालकर दुखी परिवार के साथ समय व्यतीत किया। उन्होंने सुनील सिंह और उनके परिवार के साथ करीब एक घंटे तक बातचीत की।
रविवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सुनील सिंह के घर गये थे। उन्होंने कहा कि मैं इस दुख की घड़ी में बिस्कोमॉन के अध्यक्ष के साथ हूं। मीडिया ने हमेशा लालू को शागिर्द के रूप में श्री सिंह को संज्ञा दी है।
बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह ने भारतीय सहकारिता से कहा कि “मैं लोगों की प्रतिक्रिया से अभिभूत रहा हूं”। मुझे अपनी मां वापस तो नहीं मिल सकती है लेकिन मित्रों और परिवार के स्नेह से मेरा दुख कम हुआ है।
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह जो कभी सुनील सिंह के विरोध में थे, भी सुनील सिंह के गांव आए थे। 250 विधायकों में से करीब 200 विधायकों ने शोक प्रकट किया, सुनील ने भारतीय सहकारिता के साथ साझा किया।
पाठकों को याद होगा कि बिस्कोमान के अध्यक्ष और बिहार के दिग्गज सहकारी नेता सुनील सिंह की मां का पिछले से पिछले सप्ताह निधन हो गया था। कई कार्पोरेटरों ने दिवगंत आत्मा के अंतिम दर्शन करने के लिए उनके निवास गये थे। सुनील सिंह की मां चंदा देवी की आयु 68 वर्ष थी और उनका अंतिम संस्कार सोनपुर के डुमरी घाट में किया गया था।