वैसे तो कई कॉर्पोरेटर एनसीसीटी के सचिव मोहन मिश्रा से नाराज है लेकिन देहरादून आईसीएम के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह तो मिश्रा से काफी नफरत करते हैं।
देहरादून आईसीएम सही ढंग से कार्य कर रही है और यह इकाई प्रमोद सिंह के नेतृत्व में राज्य की विभिन्न सहकारी निकायों को सहकारी प्रशिक्षण देकर अच्छा लाभ कमाने में सक्षम है। एक नए परिपत्र के चलते कमाई को आईसीएम और एनसीसीटी के बीच शेयर किया जाएगा।
अगर हम कठिन परिश्रम करके कमाते हैं तो हम एनसीसीटी से क्यों शेयर करें, सिंह ने संवाददाता से पूछा। एनसीसीटी मुख्यालय में बैठे मोहन मिश्रा ने हमें कार्पोरेटर की गरिमा के खिलाफ अपमानजनक पत्र जारी किये, उन्होंने शिकायत की।
एक पत्र में उन्होंने सभी आईसीएम अध्यक्ष को लिखा कि वह सरकारी वाहन या आईसीएम चैंबर का प्रयोग राजनीतिक उद्देश्य से नहीं करें। उन्हें मेरे बारे में पता नहीं है, क्या मुझे एनसीसीटी की टूटी-फूटी कार का आवश्यकता है, सिंह ने कहा जो इफको की बोर्ड में भी है।
इसके अलावा, प्रमोद ने कहा कि आईसीएम का प्रादेशिक सहकारी संघ (पीसीयू) की जमीन पर संचालन किया जा रहा है। दिल्ली के मामूली आधिकारी द्वारा हुकुम चलाना स्वीकार्य नहीं है, उन्होंने कहा।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में प्रमोद ने भोपाल आईसीएम की बैठक में हुई घटना के बारे में जानकारी दी, जिसमें मिश्रा, एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह, समेत अन्य लोगों ने भाग लिया था। मुझे बाद में बताया गया कि एनसीसीटी के सचिव ने एनसीसीटी अधिकारियों से कहा है कि नेताओं को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाए, प्रमोद ने साझा किया।
अधिकारियों और नेताओं के बीच आपसी सम्मान और समन्वय के साथ ही चीजें ठीक रहती है। लेकिन अगर आप नेताओं का सम्मान नहीं करेंगे तो कैसे चीजें को आगे बढ़ाया जा सकता है, सिंह ने कहा
डॉ मिश्रा ने एक बार फिर टिप्पणी करने से साफ इनकार किया है। शायद उनकी आधिकारिक स्थिति उन्हें खुले तौर पर बोलने की अनुमति नहीं देती।