आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मौसम विभाग द्वारा औसत से कम मॉनसून होने की भविष्यवाणी के अनुसार किसानों के अनुकूल हस्तक्षेपों की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए कृषि एवं सहकारिता विभाग, कृषि मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इससे मानसून देरी से आने और इसकी अनिश्चितता के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। खड़ी कृषि फसलों और बहुवर्षीय ऑर्किडों को बचाने के लिए तुरंत उपचारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
मंत्रिमंडल समिति ने 100 करोड़ रुपये के आवंटन से फसलों की रक्षात्मक सिंचाई के लिए डीजल अनुदान सहायता योजना (डीजल सब्सिडी स्कीम) लागू करने की सिफारिश की है। फसलों की दोबारा बुआई और उचित किस्मों के बीजों की खरीदारी में आने वाले अतिरिक्त व्यय की आंशिकरूप से प्रतिपूर्ति हेतु किसानों के लिए बीज सब्सिडी की सीमा बढ़ाना है। बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन (एमआईडीएच) के अधीन डेढ़ सौ करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन से बहुवर्षीय बागवानी फसलों के लिए सूखे से निपटने के हस्तक्षेपों को लागू करना है।
इन उपायों के लिए चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन स्वीकृत किया गया है। उपरोक्त हस्तक्षेपों के परिणामस्वरूप किसान मॉनसून की अनिश्चितता और इसमें देरी होने के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार हो जाएंगे, पीआईबी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।