बिहार में यूरिया की कमी और कालाबाजारी की खबरें इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई है, इस समस्या से निपटने के लिए बिहार की विपणन सहकारी संघ बिस्कोमॉन मैदान में उतरी है, जैसा दिल्ली में प्याज के मामले में नेफेड ने किया था, बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा।
बिहार में यूरिया की भारी कालाबाजारी चल रही है। सासाराम और भभुआ जैसे कई जिलों में 500 रुपये प्रति बैग के दाम पर यूरिया बेचा जा रहा है, सुनील ने कहा।
इसके विपरीत बिहार की शीर्ष विपणन सहकारी संस्था बिस्कोमॉन 284 रुपये प्रति बैग के दाम पर यूरिया बेच रही हैं। हमने कई केंद्र खोले है और हम अपने किसानों को उन केंद्रों के माध्यम से सस्ते दामों में यूरिया मुहैया करा रहे हैं, सुनील सिंह ने कहा।
बिस्कोमॉन को यूरिया किसने मुहैया करवाया, इस सवाल पर सिंह ने कृभको के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह यादव को धन्यवाद दिया। यह चंद्र पाल भैया से अनुरोध के कारण हमे कृभको से यूरिया मिल रहा है और राज्य के किसानों को इससे फायदा हो रहा है, सुनील ने कहा।
सरकार द्वारा आयोजित कई बैठकों के बाद भी अभी तक प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण पर कोई विकल्प नहीं निकला। पात्र किसानों की पहचान करने के लिए कोई मापदंड भी तैयार नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि पिछली बैठक बिना किसी भी निर्णय के समाप्त हो गई थी। बैठक में उर्वरक मंत्री अनंत कुमार, केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानागरिया, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन, और वित्त सचिव राजीव महर्षि मौजूद थे।