किसानों की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को आॅपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने बुधवार को 18 कीटनाशक उत्पादों के साथ कृषि रसायन क्षेत्र में प्रवेश किया तथा इफको का इरादा अगले तीन-चार वर्ष में पूरे बाजार पर नियंत्रण करने का है।
देश के कोने-कोने तक रसायनिक उर्वरक पहुंचाने वाली इफको ने किसानों की मांग की देखते हुये जापान की नामी गरिमी कंपनी मित्सुबिसी कॉर्पोरेशन के साथ गत जुलाई में कीटनाशक बनाने के लिये करार किया था तथा उसके बाद इफको-एमसी नाम से संयुक्त कंपनी बनायी थी।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने बताया कि हमारा लक्ष्य किसानों को उचित कीमत पर उचित समय में गुणवत्ता वाला कीटनाशक उपलब्ध करना है। हम अगले तीन चार वर्षों में कृषि रसायन बाजार पर नियंत्रण करना चाहते हैं ताकि बाजार में नकली कीटनाशकों की बिक्री पर रोक लगाई जा सके और किसानों को उसका भरपूर लाभ मिल सके। कृषि रसायन बाजार 30 से 50 हजार करोड़ रुपए का है।
उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत उत्पादों का उत्पादन भारत में ही होगा जिसके लिए गुजरात में एक संयंत्र लगाया जाएगा। इफको ने कृषि क्षेत्र में पैर जमाने के लिए 25 करोड़ रुपए का निवेश किया है। अवस्थी ने कहा कि जरुरत पडऩे पर और अधिक निवेश किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि किसान लंबे समय से मांग कर रहे थे कि इफको को कीटनाशक उत्पाद भी बनाने चाहिए। इसको मद्देनजर रखते हुए इफको ने इस क्षेत्र में उतरने का फैसला लिया। हमारा लक्ष्य सिर्फ उत्पाद बेचना नहीं होगा बल्कि हम किसानों को इनके प्रयोग की पूरी जानकारी देंगे। इसके अलावा कीटनाशकों से फसल को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बीमा की सुविधा उपलब्ध कराने की सोच रहे हैं।
इफको के अध्यक्ष बलविंदर सिंह नकई ने इफको बोर्ड के सदस्यों की मौजूदगी में कंपनी के 18 पेस्टीसाइड्स, हर्बिसाइड्स और फंगीसाइड्स प्रोडक्ट लॉंच किये।
इस मौके पर हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध प्रदेश, राजस्थान समेत 10 राज्यों से इफको बोर्ड के कई सदस्य और किसान वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए समारोह का हिस्सा बने। मित्सुबिशी कॉरपोरेशन के अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।