सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ ने हाल ही में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में "सहकारिता" पर आधारित एक संगोष्ठी का आयोजन किया था।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर सी कुहाड़ ने किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि सहकारी समितियां बहुत अच्छा काम कर रही है और उनके योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने डॉ कुरियन का हवाला देते हुए कहा कि डेयरी क्षेत्र में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। सहकारिता का अंग्रेजी शब्द 11 अक्षर से बनता है, यही तो सहकारिता है, उन्होंने कहा।
एनसीयूआई के उपाध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने स्वंय सहायता समूहों के महत्व पर बल दिया और कहा कि इसके जरिए व्यक्ति समाज में खुद अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है।
इस अवसर पर हरकोफेड की प्रबंध निदेशक पूनम नारा ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों का ब्यौरा दिया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम सहकारिता के विचार को बढ़ावा देते है और राज्य के हर जिले में इसका संचालन होना चाहिए।
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष डॉ दिनेश ने कहा कि हर गांव में सहकारी समितियां होनी चाहिए। सहकारिता ही देश में बढ़ती जनसंख्या और संसाधनों की कमी जैसी समस्याओं का एकमात्र समाधान है, दिनेश ने कहा।
इस संगोष्ठी में देश-भर से कई लोगों ने हिस्सा लिया। एनसीसीई के हेड वी.के.दूबे ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।