देहरादून जिला सहकारी बैंक अपने क्षेत्र के लोगों को 21 शाखाओं के माध्यम से सस्ते दर पर ऋण उपलब्ध कराने में सक्षम है और यहां तक कि देश में सहकारी क्षेत्र की स्थिति खराब होने के बावजूद भी बैंक अच्छा काम कर रहा है।
बैंक के अध्यक्ष डॉ के.एस.राणा ने भारतीय सहकारिता से विशेष बातचीत में कहा कि बैंक ने अपनी 21 शाखाओं के माध्यम से पिछले वित्त वर्ष 10 करोड़ रुपये का लाभ आर्जित किया है। राणा ने आगे कहा कि हम अपने 550 सदस्य समितियों को 20 प्रतिशत लाभांश प्रदान कर रहे है।
बैंक ने नई तकनीकियों के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाई है। बैंक के अध्यक्ष ने बताया कि मेरे कार्यकाल के दौरान मैंने बैंक में सीबीएस, एटीएम, आरटीजीएस जैसी अनेक सेवाएं प्रदान की है और जल्द ही हम अपने ग्राहकों को ई-बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने जा रहे हैं।
हालांकि राणा मोदी सरकार से नाखुश है। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार ग्रामीण भारत में विकास करने के बजाय औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है। मोदी सरकार ने अभी तक सहकारी क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कुछ नहीं किया, बैंक के अध्यक्ष ने कहा।
राज्य के किसानों को बैंक द्वारा क्या-क्या सुविधा प्रदान की जाती है, इस सवाल पर बैंक के अध्यक्ष ने बारीकी से बताया कि उतराखंड सरकार के सहयोग से हम राज्य के किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध करा रहे हैं।
बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि नबार्ड ने हमारे बैंक को कभी दंडित नहीं किया। हम बैंक के निदेशकों को ऋण नहीं देते क्योंकि यह आरबीआई के नियमों के खिलाफ है लेकिन बैंक के निदेशकों को ऋण मिलनी चाहिए क्योंकि वे सब हमारे बैंक का हिस्सा है, राणा ने मांग की।
बैंक की स्थापना 1924 में हुई थी। राणा ने कहा कि बैंक के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और हाल ही में बैंक के सदस्यों को इफको की फुलपूर इकाई का दौरा कराया गया था।
हम बैंक के कर्मचारियों को जीवन में एक बार 15 लाख रुयये का ऋण बिना ब्याज दर पर प्रदान करते है। हमारे बैंक की सभी शाखाओं में पैन कार्ड बनवाने की सुविधा भी उपलब्ध है।