इफको ने किसानों के साथ मिलकर गरीबी से लड़ने का दृढ़ संकल्प लिया है। इफको के एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी का मानना है कि भारत कृषि प्रदान देश होने के नाते किसानों की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने से देश से गरीबी को खत्म किया जा सकता है।
लगभग आधी दुनिया की आबादी कम से कम 163 रुपये से कम में अपना जीवन व्यतीत करते हैं। 1.3 अरब से अधिक लोग अभी भी संपूर्ण गरीबी में रहने को मजबूर है।
इफको के एमडी ने अंतराष्ट्रीय गरीबी दिवस पर ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि “आज अंतरराष्ट्रीय दिवस"। इफको किसानों के साथ मिलकर देश से गरीबी को खत्म करेगा।
भारतीय सहकारिता ने कई कार्पोरेटरों से गरीबी से लड़ने में सहकारी समितियों की भूमिका पर बात की। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2012 में अधिक लोग गरीबी से जुझ रहे थे लेकिन उन देशों की तुलना में जहां गरीब भारी संख्या में, वहां भारत में गरीबी दर बहुत कम है।
एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दिनेश का मानना है कि कम संसाधनों और अधिक लोगों की स्थिति से निपटने का एकमात्र तरीका सहकारिता ही हो सकती है। इस मॉडल से कुछ लोगों को नहीं बल्कि बहुत सारे लोगों को लाभ मिलेगा।