सहकार भारती के अध्यक्ष श्री सतीश मराठे ने मोदी सरकार के कामकाज पर ऊंगली उठाने पर अरुण शौरी की कड़ी निंदा की।
अपने फेसबुक वॉल में मराठे ने लिखा कि “शौरी जी की टिप्पणियां अनुचित और कठोर है"।
पाठकों को याद होगा कि शौरी ने सोमवार को मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि यह सरकार सबसे कमजोर सरकार है। अरूण शौरी ने सोमवार को दावा किया कि वह अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने का मतलब ‘‘सुर्खियों का प्रबंधन’ मानती है और लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दिनों को याद करना शुरू कर दिया है।
दिल्ली में एक किताब के विमोचन के मौके पर शौरी ने कहा कि अब जनता को मनमोहन सिंह की कमी खल रही है। अरुण शौरी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार से अर्थव्यवस्था नहीं संभल रही है। सरकार सिर्फ अखबारों की सुर्खियों को मैनेज कर रही है।
मराठे के पोस्ट पर गुजरात से दिग्गज कॉर्पोरेटर ज्योतिंदर भाई मेहता ने कहा कि "शौरी का यह कहना उचित नहीं है"।
मराठे के कई अन्य समर्थकों ने शौरी की कड़ी निंदा की। एक समर्थक ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि भाजपा 100 प्रतिशत सही थी जो उन्हें कोई जगह नहीं दी गई।
पाठकों को याद होगा कि इफको ने सतीश मराठे को सहकारिता रत्ना 2015 पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला लिया है। यह पुरस्कार दिग्गज कॉर्पोरेटर को दिया जाता है जिसने नि:स्वार्थ से सहकारी आंदोलन के विकास में अहम भूमिका निभाई हो।
इस पुरस्कार के साथ-साथ विजेता को 5 लाख रूपये इनाम के तौर पर दिये जाते है। यह पुरस्कार अकसर नई दिल्ली में आयोजित नेहरू जी की जन्मतिथि के अवसर पर प्रदान किया जाता है।