सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई ने वित्तिय संकट से निपटने के मामले में पिछले सप्ताह बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने डीडीए को उनकी 20 से अधिक वर्षों से खाली पड़ी संपत्ति को किराए पर देने के संबंध में जीत हासिल की है।
डीडीए की शर्तों के अनुसार, केवल कुछ निर्मित क्षेत्र को किराए पर दिया जा सकता है। गौरतलब है कि अतीत में कई बार सहकारी संस्था डीडीए को समझाने में विफल रही थी।
एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ दिनेश और डीडीए के उपाध्यक्ष अरूण गोयल के आने से परिदृश्य बदल गया। आईएएस अधिकारी गोयल ने बाबुओं की चिंता किए बेगर एनसीयूआई की 9000 वर्ग फुट की जगह को किराए पर देने को हरी झंडी दे दी ।
पाठकों को याद होगा कि एनसीयूआई की संपत्ति साऊथ दिल्ली में स्थित है अगर वे इसे निजि पार्टियों को किराए पर देती है तो सहकारी संस्था पर से वित्तीय संकट कम हो सकता है।
हालांकि एनसीयूआई कई कारणों से इसे सरकारी निकायों को देना चाहती है।
हमारा लक्ष्य कॉर्पस फंड को बढ़ाना है। हमें कुछ राशि मासिक किराए के रूप में चाहिए और फिर हम इससे एक लंबी अवधि के लिए किराया के समझौते में शामिल करना चाहते हैं।
आपको कैसे इतनी बड़ी जीत हासिल हुई, इस सवाल पर डॉ दिनेश ने कहा कि एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्रपाल सिंह ने डीडीए को पत्र लिखा और मैंनें बखूबी से उस पत्र पर काम किया। जबकि हम कई वर्षों से कोशिश कर रहे थे लेकिन नए उपाध्यक्ष की वजह से इस बार हमें विजय मिली है।
देखिए यह डीडीए द्वारा प्राप्त पत्र है, डॉ दिनेश ने संवाददाता को पत्र दिखाते हुए कहा। वे डीडीए के फैसले से काफी खुश थे।