बिहार चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस, क्षेत्रीय पार्टी जेडीयू और आरजेडी के सहकारी नेताओं ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी जबकि भाजपा कॉर्पोरेटर निर्णय से काफी निराशा हैं।
भारतीय जनता पार्टी रविवार को आए परिणामों से नाखुश थी। भाजपा पार्टी के कार्यकर्ता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाई वोलटेज अभियान असफल दिखाई दिया।
बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह जो आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जिनकी पार्टी ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से अधिक सीटें बटोरी है, वे लालू के जाने-माने समर्थक है। सुनील की लालू के साथ बैठे हुए तस्वीरें इन दिनों फेसबुक पर छाई हुई है लेकिन सिंह इन दिनों आईसीए की तुर्की में महासभा में भाग लेने में व्यस्त है।
बिहार से इफको के निदेशक प्रेम चंद मुंशी, जो एक पुराने कांग्रेसी नेता है और उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी खुशी को जाहिर किया। उन्होंने कहा कि “मैं बिहार के लोगों द्वारा महागठबंधन में विश्वास रखने पर उनका शुक्रिया अदा करता हुं। हम आश्वासन देते हैं कि हम उनके विश्वास पर खरा उतरेंगे।
मुंशी पूर्व मंत्री और कांग्रेस के शक्तिशाली ब्राह्राण नेता नागेन्द्र झा के अनुचर है।
भाजपा के समर्थक प्रतिक्रियाएं देने में मौन थे लेकिन सहकार भारती के अध्यक्ष सतीश मराठे ने अपनी फेसबुक वॉल पर अमित शाह के शब्दों "अगर नीतीश जीतता है तो पाक्तिस्तान में समारोह होगाठ, को न्यायोचित ठहराया।
हालांकि, सामान्य कॉर्पोरेटरों को बिहार से भाजपा के नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की लंबे समय तक अनुपस्थिति से राहत मिली है।