ज्योतिंद्र भाई मेहता के दोस्तों का कहना है कि वे सौम्य, मृदुभाषी व्यवहार के व्यक्ति है। मेहता को शनिवार की शाम को सहकार भारती के सर्वोच्च पद के लिए चुना गया। गौरतलब है कि वे सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुने गये।
सहकार भारती के नए सचिव पद के लिए प्रो. उदय जोशी को चुना गया है वहीं सहकार भारती के पूर्व अध्यक्ष सतीश मराठे को सहकार भारती के संरक्षक का पद दिया गया है।
सहकार भारती के तीन निदेशकों ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा जबकि दो ने प्रस्ताव का अनुनोदन किया और उनके अलावा किसी का नाम नहीं होने से उन्हें सर्वसम्मति से चुना लिया गया, ज्योतिंद्र मेहता के करीबी सहयोगी भरत कपाड़िया ने फोन पर कहा।
हालांकि कपाड़िया ने नहीं माना कि सहकार भारती के शीर्ष पद के लिए कोई रेस थी। सूत्रों का कहना था कि दो ओर व्यक्ति के नाम शीर्ष पद में शामिल थे।
सहकार भारती के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत शुक्रवार को हुई वहीं समापन रविवार को हुआ था, इस सम्मेलन में राज्यों और शासित प्रदेशों से 2500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। सम्मेलन में शहरी सहकारी बैंकों के रूपांतरण के संबंध में आरबीआई के प्रस्ताव को भी खारिज किया गया।
डॉ आर.वैद्यनाथन बैंगलुरू स्थित प्रबंधन के भारतीय संस्थान के प्रोफेसर ने मुख्य भाषण दिया।
सहकार भारती के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पिछले सप्ताह किया था और केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने समापन समारोह में भाग लिया था।
मेहता अपने रचनात्मक सहयोग के लिए भी जाने जाते है और सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई की बैठक में उनकी भूमिका अहम रहती है।
इफको व्याख्यान के दौरान सहकार भारती के पूर्व अध्यक्ष सतीश मराठे ने कहा कि मैं दो कार्यकाल से अध्यक्ष था और इससे पहले मैं नौ साल तक सहकार भारती में महासचिव रहा।