सहकारी समितियों के राज्य रजिस्ट्रार नलिन उपाध्याय ने हाई प्रोफाइल कॉर्पोरेटर विपुल चौधरी को किसी भी सहकारी समिति के चुनाव या कार्यभार संभालने के लिए छह साल की अवधि के लिए वंचित किया है।
यह आदेश गुरुवार को जारी किया गया, पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चार सप्ताह के बाद लागू किया जाएगा।
इससे पहले चौधरी को महेसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ, दुधसागर डेयरी से बाहर किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमे कहा गया था कि चौधरी के खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश आने के बाद उस आदेश को चार सप्ताह के बाद लागू किया जाएगा।
तत्काल जारी आदेश के अनुसार, चौधरी छह साल की अवधि के लिए सहकारी समिति में कोई पद हासिल नहीं कर सकते और न ही सहकारी समितियों का चुनाव लड़ सकते है, उपाध्याय ने सूचित किया।
मार्च 2015 चौधरी को महेसाणा स्थित दुधसागर में से अनिमियताओं के कारण अध्यक्ष पद से हटाया गया था।
केंद्रीय रजिस्ट्रार के आदेश के मुताबिक चौधरी छह साल तक सहकारी समिति में कोई पद हासिल नहीं कर सकते और न ही समितियों का चुनाव लड़ सकते है, जिस आदेश को उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशनुसार, चौधरी के खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश आने पर उसे चार सप्ताह के बाद लागू किया जाएगा।