भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम झाझू नम्र और सरल स्वभाव के व्यक्ति है, जो बड़े धैर्य से लोगों की बात को सुनते है, वे देश के सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने का काम करेंगे। भारतीय सहकारिता से बातचीत में जाजू ने कांग्रेस को सहकारी आंदोलन की दइनी स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया।
बातचीत के कुछ अंश:
भारतीय सहकारिता : देश के सहकारी आंदोलन के बारे में आपकी क्या राय है?
श्याम जाजू : सहकारी आंदोलन देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहा है। सहकारी आंदोलन गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में मजबूत है लेकिन उत्तर भारत में बहुत कमजोर है।
भारतीय सहकारिता : आपके विचार में ऐसा क्यों है?
श्याम जाजू : कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण। कांग्रेस के लिए सहकारिता एक राजनीति का विषय है लेकिन इसे राजनीति के उद्देश्य से नहीं देखा जाना चाहिए। हम “बिना संस्कार नहीं सहकार” में विश्वास रखते है।
भारतीय सहकारिता : सहकारी आंदोलन के संबंध में भाजपा कैसे कांग्रेस सरकार से अलग है?
श्याम जाजू : अंतर स्पष्ट है, हमने अपने हर एक विधायकों को सामाजिक कार्य में खुद को समर्पित करने के लिए कहा है और सहकारिता इन सभी कार्यों में से एक है। हम सहकारिता को सामाजिक कार्य के रूप में देखते है।
भारतीय सहकारिता : लेकिन भाजपा सरकार ने इस क्षेत्र की मांग, कि सहकारी क्षेत्र के ऊपर से आयकर के बोझ को खत्म किया जाना चाहिए लेकिन अभी मौजूदा सरकार ने इस विषय पर अपना ध्यान अकर्षित नहीं किया?
भारतीय सहकारिता : आरबीआई की सिफारिश, शहरी सहकारी बैंकों को निजी संस्थाएं में परिवर्तित करने के बारे में आपका क्या विचार है?
श्याम जाजू : शहरी सहकारी बैंक अपने मानदंडों के भीतर काम करके एक अदभूत काम कर रहे है। और यह भी सही है कि वे किसी बड़े कार्य में निवेश नहीं कर सकते हैं। हमे साथ बैठने की आवश्यकता है और कुछ समाधान निकलाने की जरूरत है। मेरी सहानुभूति शहरी सहकारी बैंक आंदोलन के साथ है।