सहकारी समितियों की शीर्ष संस्था एनसीयूआई और सिकटेब ने दिल्ली में सोमवार को “प्रशिक्षकों को सहकारी और ग्रामीण वित्तीय संस्थाओं के लिए प्रशिक्षण तकनीक” कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन एनसीसीई में किया जा रहा है। कार्यक्रम में केंद्रीय बैंक, सार्क देशों जैसे बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, भारत से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर आईसीए (ए-पी) के क्षेत्रीय निदेशक बालु अय्यर, डॉ मनोज नारदिओ सिंह, एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ दिनेश और एनसीयूआई के उच्च अधिकारियों समेत अन्य लोगों ने भाग लिया।
अपने भाषण में डॉ दिनेश ने कहा कि बदलते समय में नई चुनौतियां को प्रशिक्षण के माध्यम से खत्म किया जा सकता है।
डॉ दिनेश ने उद्घाटन समारोह के बाद प्रतिनिधियों के साथ अलग से बातचीत की।
एएआरडीओ के प्रतिनिधि डॉ मनोज नारदिओ सिंह ने कहा कि सहकारिता लोगों के सशक्तिकरण का सबसे अच्छा उपकरण है। उन्होंने कहा कि सतत विकास का लक्ष्य केवल सहकारी समितियों के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
बालू अय्यर ने कहा कि सहकारी समितियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती सदस्यों की सहकारी संस्थाओं में रूचि की कमी। प्रशिक्षक होने के नाते सदस्यों के बीच सहकारी समितियों में रूचि लाने को बढ़ावा देने ही आपका सबसे बड़ा कार्य है।
बालू ने पोड़सी देशों में सहकारी समितियों की बढ़ती प्रवृत्ति को उत्साहवर्धक बताया और कहा कि इस देशों की सहकारी संस्थाएं एक अलग क्षेत्रीय सहकारिता के रूप में उभर सकती है।
एनसीसीई के हेड वी.के.दूबे ने धन्यवाद ज्ञापन रखा।