प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन उर्वरक संयंत्रों के पुनरद्धार की प्रगति, बिहार में एक कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना और नकदी के संकट से जूझ रही चीनी मिलों को रियायती दर पर ऋणों की प्रगति का बुधवार को जायजा लिया। उन्होंने मंत्रिमंडल द्वारा किए गए निर्णयों पर प्रगति की समीक्षा की।
मंत्रियों की परिषद की बैठक में मोदी ने खाद्य, उर्वरक एवं कृषि के संबंध में पिछले 18 महीनों में किए गए कई महत्वपूर्ण मंत्रिमंडलीय एवं सीसीईए के निर्णयों के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल द्वारा किए गए निर्णयों के क्रियान्वयन के लिए सचिवों एवं मंत्रियों से एक समयसीमा पर भी चर्चा की।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए नए प्रस्तावों को आगे बढ़ाने में कोई विलंब नहीं किया जाना चाहिए और मंजूरी के बाद निर्णयों को लागू करने के लिए समयसीमा का ख्याल रखा जाना चाहिए।
चीनी मिलों के लिए मंत्रिमंडल के निर्णय की प्रगति के बारे में खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि चीनी मिलों के लिए मंजूर 6,000 करोड़ रुपए के रियायती ऋण में से करीब 4,152 करोड़ रुपए इस साल अभी तक आवंटित कर दिए गए हैं।
चीनी मिलों ने 6.5 लाख टन चीनी का निर्यात किया है और पेट्रोल में मिश्रण के लिए 99 करोड़ लीटर एथनॉल का अनुबंध किया है। इसके अलावा, गन्ना किसानों का बकाया घटकर करीब 2,500 करोड़ रुपए पर आ गया है जो 2015 के मध्य में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक था।
सौजन्य : समाचार जगत