बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विनय कुमार शाही के आरोप सरासर गलत और बेबुनयाद है। विज्ञप्ति में उन्होंने शाही को पागलखाने में भर्ती करने की बात कही है।
बिस्कोमॉन के अध्यक्ष ने बताया कि किसी की मृत्यु के समय के बारे में किसी भी व्यक्ति को जानकारी नहीं होती और ऐसा आरोप लगाना कि सिंह द्वारा आयोजित वार्षिक आम सभा को बाधित करने के उद्देश्य से स्वर्गीय नरेंद्र शर्मा के पार्थिव शरी को सुनियोजित तरीके से बिहार सहकारी संघ के प्रांगण में लाया गया-कहना सर्वथा गलत है।
सच्चाई यह है कि पूरे पटना में किसी भी पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार हेतु ले जाने के लिए बुद्ध मार्ग रोड को जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किया गया है, सुनील ने कहा।
बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने आगे कहा कि स्व. नरेंद्र शर्मा बिहार राज्य के जाने-माने सहकारी नेता थे एवं इनके स्व. पिता बालेश्वर बाबू भी राज्य के जाने माने सहकारी नेता थे। 2003 से 2009 तक नरेंद्र शर्मा 6 वर्षों तक बिस्कोमॉन के सम्मानित निदेशक रहें है। उनकी पत्नी उर्मिला देवी 2003 से 2009 तक बिस्कोमॉन की बोर्ड में थी। नरेंद्र शर्मा जी काफी अल्प समय के लिए 2012 से 2015 तक बिस्कोमॉन के निदेशक पद पर विराजमान रही, उन्होंने कहा।
परंतु बिस्कोमॉन के निदेशक मंडल द्वारा उनके वरीय का एवं अनुभव को देखते हुए निर्धारित निदेशक पर्षद की बैठक में भाग लेने हेतु आमंत्रित किये जाते रहें थे। फिर भी बिस्कोमॉन प्रबंधन द्वारा स्व. नरेंद्र बाबू मृत्यु के कारण शोक सभा आयोजित कर कार्यालय को विधिवत बंद करने की घोषण की गई।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आज ही नहीं तकरीबन 10 वर्षों से विनय कुमार और उनके संरक्षकों पूर्ववर्ती सरकार के कठपुतली बनकर मेरे खिलाफ हमेशा निराधार आरोप लगाते रहें है।
मेरी सलाह है कि इस तरह से किसी व्यक्ति के विरूद्ध पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर तथ्यहीन आरोप नहीं लगाना चाहिए। साथ ही जितना जल्दी हो श्री विनय एवं उनके कुकृत्यों में साझीदार लोग स्व. नरेंद्र शर्मा जी के पैतृक निवास जाकर उनके परिजनों का पैर पकड़ कर माफी मांगें। यही स्व. नरेंद्र शर्मा जी के प्रति सच्ची श्रदांजलि होगी, सुनील ने जोड़ा।