राज्य सहकारी बैंकों की राष्ट्रीय संस्था (नफस्कॉब) ने रविवार को नई दिल्ली में एनसीयूआई सभागार में कृषि और ग्रमीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक (नाबार्ड) और सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई के सहयोग से एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी का शीर्षक “मजबूत बनाने की दिशा : अल्पावधि सहकारी ऋण संरचना में हाल ही के रुझान” था।
संगोष्ठी का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री मोहनभाई कल्यांजी भाई कुंदरिया ने किया।
कुंदारिया ने कहा कि भारत सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए केंद्रीय बजट में 9 करोड़ लाख रुपये की राशि आवंटित की है और हमें किसानों को ई-मंडी और ई-मार्केटिंग से जोड़ना चाहिए। सरकार की दो नीतियां फसल बीमा और ई-मंडी में सहकारिता की अहम भूमिका है। आपके पास किसान है, आप उन्हे शिक्षित कीजिए ताकि वे प्रधानमंत्री की योजनाओं का लाभ उठा सके, कुंदरिया ने वकालत की।
अपने भाषण में कुंदरिया ने कहा कि 30 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े हुए है और हमें दूसरों को इस योजना से कैसे जोड़ा जाए इस पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन से 25 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हुए है।
उन्होंने सहकारी क्षेत्र में अद्भुत काम करने के लिए नफस्कॉब के अध्यक्ष दिलीप सांघनी और एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह यादव की प्रशंसा की।
नफ्सकॉब के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा कि सहकारी समितियां ग्रमीण क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
नफस्कॉब के प्रबंध निदेश भीमा सुब्रमनयम ने कांफ्रेंस का उद्देश्य बताया।
एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिहं यादव ने कहा कि भारत के 65 प्रतिशत लोग सीधे खेती गतिविधियों से जुड़े हुए है और देश की अर्थव्यवस्था भी कृषि पर आधारित है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में आबादी बढ़ती जा रही है और भूमि घटती जा रही है।
राज्य सभा सांसद ने कहा कि वैधयनाथन कमैटी के दौरान जारी राशि से कई सहकारी समितियों को पुनर्जिवित किया गया था। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत सरकार केवल घोषणाएं करती है, लेकिन वास्तव में कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने नाबार्ड के प्रतिनिधि से लंबे समय से लंबित लाइसेंस को जारी करने का आग्रह किया।
इस संगोष्ठी में बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, आईसीए-एपी के क्षेत्रीय निदेश बालू अय्यर, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष अशोक बजाज, विभिन्न राज्य सहकारी बैंको के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, एनसीयूआई और नफ्सकॉब के उच्च अधिकारियों समेत अन्य लोगों ने भी भाग लिया।
एनसीयूआई, सीई, डॉ दिनेश ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।