केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने मंगलवार को मुंबई में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और एकीकृत पैकेज बीमा योजना का शुभारंभ किया। 29 फरवरी, 2016 को संसद में अपने द्वारा पेश किए गए आम बजट 2016-17 में कृषि क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित करने के बाद श्री जेटली ने कहा, ‘गरीबी से निजात पाने और समग्र रूप से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि को नई गति प्रदान करने के लिए देश में कृषि क्षेत्र को और भी तेजी से विकसित करना होगा।’
पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वित्त मंत्री श्री जेटली ने आगे कहा कि सरकार द्वारा शुरू की जा रही संशोधित बीमा योजना में कृषि क्षेत्र के संभावित संकट को कम करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि खरीफ फसलों को कवर करने के लिए इसे 1 अप्रैल, 2016 से एक ‘मिशन मोड’ में क्रियान्वित किया जाएगा।
श्री जेटली ने कहा, ‘यह फसल बीमा योजना कुछ अलग है और यह भिन्नता भारतीय किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि नई योजना व्यापक मात्रा पर निर्भर है, अत: यह बेहद कम प्रीमियम पर बहुत बड़े जोखिम को कवर करेगी। किसानों द्वारा देय प्रीमियम खरीफ खाद्यान्न एवं तिलहन फसलों के लिए 2 फीसदी और रबी फसलों के लिए 1.5 फीसदी होगा। फसल को भारी नुकसान होने की स्थिति में किसान को अपेक्षाकृत ज्यादा भुगतान किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य उन 50 फीसदी किसानों को कवर करना है, जो मुख्यत: वर्षा आधारित कृषि पर निर्भर रहते हैं, पीआईबी के अनुसार।
इससे पहले वित्त मंत्री श्री जेटली ने ‘नाबार्ड कृषि-ऋण निगरानी’ पोर्टल को लांच किया, जिससे किसानों को दिए गए कृषि ऋणों की स्थिति पर नजर रखने में वित्तीय संस्थानों को मदद मिलेगी। वित्त मंत्री श्री जेटली ने स्वयं-सहायता समूहों (एसएचजी) के डिजिटलीकरण से जुड़े ‘ई-शक्ति विस्तार कार्यक्रम’ का खाका (रोडमैप) भी पेश किया।