केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को इजरायल के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री एम. के. यूरी एरियल से मुलाकात की।
इस बैठक से दोनों देशों के संबंधों में नए आयाम स्थापित करने में बढ़ावा मिलेगा। श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इजरायल के कृषि विशेषज्ञों द्वारा सुलभ कराये अनुभवों से हमें बहुत लाभ पहुंचा है। मई 2006 में भारत और इजरायल ने एक कार्य योजना पर हस्ताक्षर किये थे इसके बाद 2008 में भारत ने अपनी इच्छा जाहिर की और पहली बार 2008-10 में महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में कार्य योजना के तहत ठोस प्रयास शुरू किये गये।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि भारत इजरायल के अनुभवों से अनेक क्षेत्रों में लाभ उठा रहा है। इस कार्य योजना के तहत नर्सरी प्रबंधन, संरक्षित खेती, फसल कटाई से पूर्व प्रबंधन, माइक्रो सिंचाई के लिए कम गुणवत्ता वाले जल का प्रयोग, मधुमक्खी पालन, पशु पालन और डेरी जैसे क्षेत्रों में इजरायल द्वारा दिये गये प्रशिक्षण की मदद से उत्पादन बढ़ा है।
दोनों देश एक-दूसरे की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। इजरायल सरकार और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मध्य वर्ष 2016-20 के लिए अन्य कार्य योजना का गठन किया गया है।
इस बैठक में दोनों देशों के शिष्टमंडल ने अनुसंधान और अन्य संबंधित गतिविधियों के बारे में भी निर्णय लिया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद प्रत्येक वर्ष पीएचडी के लिए अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप उपलब्ध करा रहा है।
वर्ता के अंत में कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने इजरायल के शिष्टमंडल को भारत में हंसी-खुशी ठहरने के लिए शुभकामनाएं दी, पीआईबी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।