शीर्ष सहकारी संस्था एनएलसीएफ की बोर्ड ने संस्था के प्रबंध निदेशक आर.एम.पांडे के सेवा-निवृत्त के मुद्दे पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
गौरतलब है कि पांडे 30 जून 2016 को सेवानिवृत्त हो रहे है और बुधवार को आयोजित बैठक उनके सेवानिवृत्ति के लिए आखिरी बैठक थी लेकिन एजेंडा पारित नहीं हो सका।
एजेंडा पूरा नहीं था और अधिक जानकारी की जरूरत थी और यही वजह थी कि बोर्ड ने इस मुद्दे पर बाद में पुनर्विचार करने का फैसला किया है, अशोक डबास ने भारतीय सहकारिता से बातचीत में कहा।
क्या पांडे को बरकरार रखा जाएगा, इस सवाल पर डबास ने कहा कि अध्यक्ष के फैसले तक का इंतजार किया जाएगा।
बोर्ड की बैठक में भाग लेने के बाद होशियारपुर से भारतीय सहकारिता से बातचीत में संस्था के अध्यक्ष संजीव कुशलकर ने कहा ”हम देखते हैं, अभी तक हमने कुछ तय नहीं किया है।’
कुशलकर ने कहा कि पांडे की सेवानिवृत्त से पहले बोर्ड की एक और बैठक का आयोजन करने का निर्णय लिया है, खातों को देखा जाएगा, वगैरह वगैरह।
इस बीच दिल्ली के सरिता विहार स्थित एनएलसीएफ मुख्यालय के एमडी ने इस मुद्दे पर बात करने से साफ इनकार कर दिया है।
हालांकि श्रम सहकारी में पैसों की कमी नहीं है, लेकिन शीर्ष निकाय एनएलसीएफ फंड की कमी से जुझ रहा है।