सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई की पिछले सप्ताह संचालन परिषद की बैठक में नियमित मुख्य कार्यकारी के मामले पर विचार-विमर्श हुआ। गौरतलब है कि एन.सत्यानारायण नए सीई के रूप में कार्यभार संभाल रहे है लेकिन एक नियमित उम्मीदवार की जरूरत है, संचालन परिषद के कई सदस्यों ने महसूस किया।
शासी परिषद ने सत्यानारायण की नियुक्ति एडहॉक सीई के रूप में पुष्टि की है, जब तक उपयुक्त उम्मीदवार नियुक्त नहीं किया जाता है। सत्यानारायण, सीई के लिए नियमित कक्ष में नहीं बैठ रहे क्योंकि वह नियुक्ति के लिए जीसी की कॉल का इंतजार कर रहे हैं।
जीसी ने निर्णय लिया कि उपयुक्त उम्मीदवार को चुनने के लिए खोज समिति का गठन किया जाए। एक नियमित मुख्य कार्यकारी की नियुक्ति के लिए विज्ञपान प्रदर्शित करने के लिए एक प्रस्ताव बैठक में पारित किया जाना चाहिए। सूत्रों की माने तो एनसीयूआई के कई उच्च अधिकारी चाहते थे कि विज्ञपान प्रस्तुत करने के लिए एक संकल्प पारित होना चाहिए था।
एनसीयूआई मामलों से परिचित सूत्रों ने कहा कि खोज समिति बनाने के प्रस्ताव का मतलब एक आध साल और देरी करना। छह महीने खोज समिति का गठन करने में लग जाएंगे और अगले छह महीने मीडिया में विज्ञापन देने में लग जाएंगे। अगले छह महीने और साल उममीदवार के अंतिम चयम में लग जाएगा, उन्होंने कहा।
जीसी के कई सदस्यों का मानना था कि उन उम्मीदवारों को जिन्हें सहकारिता के बारे में कोई ज्ञान नहीं है उन्हें बाहर किया जाना चाहिए। वे सहकारिता को समझने में कई साल गवा देंगे। इसका एक उदाहरण डॉ दिनेश है, जिन्हें सहकारी क्षेत्र का ज्ञान बिल्कुल नहीं था।
संचालन परिषद के दो सदस्य वर्तमान सीई सत्यनारायण की नियमितीकरण की मांग कर रहे थे। उन्हे सहकारी अनुभव है और उनके खिलाफ न कोई विजलेंस मामला लंबित है।
अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि खोज समिति के गठन का निर्णय का अर्थ है सत्यानारायण अपने पद पर बने रहेंगे। अगली जीसी बैठक से पहले निश्चित रूप से वे अपनी उपयोगिता साबित करने में सफल रहेंगे, उन्होंने तर्क दिया।