वैश्विक कंपनियों द्वारा फास्फोरिक एसिड की भारी कीमतें वसूले जाने के बीच इफको समेत अन्य घरेलू उर्वरक कंपनियों ने कहा है कि वे ऊंची दरों पर कच्चा माल खरीदने के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के दबाव में नहीं आएगी और 6 सौ डॉलर प्रति टन से अधिक भाव पर फास्फोरिक एसिड नहीं खरीदेंगी, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार।
भारतीय उर्वरक कंपनियों की यह टिप्पणी वैश्विक कंपनियों द्वारा भारत को कच्चे माल की आपूर्ति बंद करने की धमकी दिए जाने के बाद आई है।
किसानों की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको ने कहा है कि ऐसे समय में जब डीएपी की दरें घटकर 340 से 350 डॉलर प्रति टन हो गयी हैं, फास्फोरिक एसिड का अंतरराष्ट्रीय मूल्य 500 डॉलर प्रति टन से अधिक नहीं होना चाहिए। जबकि वैश्विक कंपनियां फास्फोरिक एसिड 715 डॉलर प्रति टन के भाव
मांग रही हैं और इसके नीचे के भाव पर बेचने को तैयार नहीं हैं।
इफको ने आगे कहा है कि 600 डॉलर प्रति टन से ऊपर के रेट पर फास्फोरिक एसिड का आयात कठिन होगा और कोई भी अन्य भारतीय कंपनी इस मूल्य से अधिक पर आयात को वहन नहीं कर सकती। फास्फेरिक एसिड का उपयोग डीएपी तथा अन्य कॉम्पलेक्स उर्वरक बनाने में किया जाता है।
फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई) ने वैश्विक फास्फेरिक एसिड बाजार में कंपनियों के बीच साठगांठ का आरोप लगाया है और कहा है कि यह भारत में अंतिम उत्पाद डीएपी को डंप करने तथा उर्वरक उद्योग को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।