मत्स्यपालन

फिशकोफॉड : मत्स्य सहकारी प्रबंधन संस्थान बनाने की योजना

केंद्र सरकार की टालमटोल नीति की वजह से, फिशकोफॉड राज्यों में व्यापार करने की कोशिश कर रहा है, फिशकोफॉड ने पिछले महीने भुवनेश्वर में बोर्ड की बैठक का आयोजन किया था जिसमें ओडिशा के सहकारिता मंत्री ने भाग लिया और तभी राज्य में कारोबार के विस्तार की प्रक्रिया शुरू की गई।

पाठकों को याद होगा कि फिशकोफॉड ने करीब 46 लाख मछुआरों का बीमा किया था, केंद्र सरकार द्वारा बीमा पर सेवा शुल्क भुगतान न किए जाने के कारण फिशकोफॉड की हालत खराब हो गई है।

सरकारी अनुदान में कमी और सरकारी प्रोत्साहन के अभाव के कारण फिशकोफॉड राज्यों में कारोबार करने के लिए मजबूर हो गया है। संस्था के एमडी बी.के.मिश्रा ने कहा कि हम केंद्र सराकर के साथ-साथ राज्य सरकारों पर ध्यान केंद्रीत कर रहे हैं।

हमने रोजगार मिशन कोष के तहत ओडिशा में 280 मछुआरों को प्रशिक्षण देने का काम अपने हाथ में लिया है। हम उन्हें कौशल विकास में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। यह14 महीनें की नौकरी होगी, मिश्रा ने कहा।

हम ओडिशा राज्य में कला प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करेंगे और इस विषय पर राज्य सरकार का ध्यान केंद्रित करने में जुटे हुए है। मिश्रा ने कहा कि बैठक के तुरंत बाद फिशकोफॉड के अध्यक्ष समेत अन्य बोर्ड के सदस्यों ने ओडिशा के मुख्यमंत्री से मुलाकात की।

मुछआरों के लिए कई प्रशिक्षण केंद्र है लेकिन मत्स्य सहकारी प्रबंधन के लिए एक भी नहीं है। हम चाहते है कि मत्स्य पालन के लिए एक राष्ट्रीय सहकारी संस्थान हो जो करीब 5 एकड़ में फैला हुई हो। उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकार से कहा कि हमें भूमि उपलब्ध कराई जाए।

संस्थान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए मिश्रा ने कहा कि यह एक अनूठा स्थान होगा, जहां एक ही छत के नीचे मत्स्य पालन से लेकर सजावटी खाद्य सब कुछ उपलब्ध होगा।

फिशकोफॉड पूर्वी राज्यों पर ध्यान दे रहा है क्योंकि ओडिशा में 14 प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन चल रहा है।

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