केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने नाबार्ड से कहा है कि वे बैंकिंग सुविधाओं, विशेष रूप से कृषि ऋण समय पर दिए जाने के लिए बैंक – प्रक्रियाओं को आसान बनाने का प्रयास करें। उन्होंने आगे कहा कि बैंको द्वारा कृषि – ऋण मंजूरी के लिए जरूरी दस्ताकवेजों को मानकीकृत करने पर भी वे विचार करें। कृषि मंत्री ने ये बात नाबार्ड स्थापना दिवस संगोष्ठी के दीक्षांत समारोह में कही।
सिंह ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऋण – आवेदन प्रक्रियाओं को आनलाइन संचालित कर कृषि- ऋण को निर्धारित समय सीमा के भीतर दे दिया जाए।
कृषि मंत्री ने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से 20,000 करोड़ रुपये की समूह निधि से एक दीर्घावधि सिंचार्इ निधि स्थापित की गयी है ताकि कुछ बृहत् सिंचार्इ परियोजनाओं को पूरा किया जा सके।
उन्होंने इस अवसर पर बताया कि बैंक किसानों को शीघ्र ऋण मंजूर कर सकें इसके लिए अधिकांश राज्यों में भूमि अभिलेखों को डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है और ऑनलाइन मॉर्गेज को सुविधाजनक बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए रणनीति तैयार करने के लिए डा़. अशोक दलवई, अपर सचिव की अध्यवक्षता में कृषि मंत्रालय में एक समिति का गठन किया है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने 8 राज्योंन की 21 मंडियों में राष्ट्री य कृषि बाजार (ई-मंडी) योजना शुरू की है। इसमें बाद में दो और मंडी भी जोड़ दी गयी हैं। इस संबंध में अधिकांश राज्यं अपने एपीएमसी अधिनियमों को संशोधित कर रह रहे हैं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार ने कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की चुनौती का सामना करने के लिए राष्ट्री य जलवायु अनुकूलन निधि स्थारपित की है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में राज्यों से प्राप्तल होने वाले नतीजे उत्सािहवर्धक हैं।