एनसीसीटी का बेंगलुरु में हाल ही में आयोजित कार्यक्रम में अति विशिष्ट व्यक्तियों को देखकर सहकारी प्रशिक्षण की राष्ट्रीय परिषद एनसीसीटी के महासचिव मोहन मिश्रा काफी उत्साहित दिखे और कहा कि यह ऐतिहासिक था क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया।
समारोह के दौरान प्रधान मुख्य महाप्रबंधक प्रमोद कुमार पांडा के शब्दों को याद करते हुए मिश्रा ने कहा कि संगठन की गुणवत्ता में बढोतरी देखने से खुशी हुई। गौरतलब है कि पांडा भारतीय रिजर्व बैंक के तहत कृषि बैंकिंग (सीएबी) के कॉलेज के निदेशक है।
एनसीसीटी के कार्यक्रम में चंद्रपाल ने प्रशिक्षण के लिए कोष निधि को 500 करोड़ रुपये करने का विचार रखा। एक अनुमान के मुताबिक, 64 अधिकारियों ने समारोह में भाग लिया।
सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के रूप में काम कर रहे करीब 13 शीर्ष सहकारी अधिकारियों ने भाग लिया।
पांच राज्यों से प्रधान सचिव और 14 राज्यों से अतिरिक्त रजिस्ट्रार भी इस अवसर पर मौजूद थे। इन सब के अलावा कृषि सचिव भी उपस्थित थे।
समारोह में प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर प्रबंधन के डॉ आयलैंड गर्ग भी मौजूद थे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर व्यापार और प्रबंधन से उषा रानी जो तेलंगाना कैडर के आईएएस अधिकारी है, भी इस अवसर पर मौजूद थी।
केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र ने आईसीएम के बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है जबकि ओडिशा सरकार ने अपने अगले बजट में बजटीय प्रावधान का वादा किया है, मिश्रा ने रेखांकित किया।
जिन लोगों ने अतीत में एनसीसीटी के साथ काम किया है, ने स्वीकार किया कि मिश्रा वास्तव में एनसीसीटी को नई ऊचाईयों तक ले जाने का प्रयास करते रहते हैं।