इफको के एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी ने स्वर्ण जयंती मनाने के लिए सबसे पहले इफको की गुजरात स्थित कलोल इकाई का दौरा किया और कहा कि यह स्वर्ण जंयती समारोह मनाने की शुरुआत है।
इफको 3 नवंबर 1967 में स्थापित हुई थी। इसका उद्देश्य किसानों की मदद करना और उनको गुणवत्ता उर्वरक मुहैया कराना था। इफको के साथ 1967 में 57 सहकारी समितियां जुड़ी हुई थी और वर्तमान में यह संख्या 39,800 है।
कलोल इकाई का दौरा करने के बाद डॉ अवस्थी ने ट्वीट किया कि “स्वर्ण जयंती समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। टीम के प्रयास से यह सफल होगी।
एमडी ने कर्मचारियों से निमंत्रण का इंतजार किए बिना तैयारी में भाग लेने के लिए आह्वान किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि “हर कर्मचारी भाग ले”। विशेष रूप से युवा और गतिशील कर्मचारियों, इफको की 50वीं जयंती को सफल बनाने की जिम्मेदारी ले।
इस मुद्दे पर अपने पहले ट्वीट में इफको एमडी ने कर्मचारियों से इफको पीआर के साथ विचार साझा करने को कहा था। यह विषय पिछले दो वर्षों से सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। गौरतलब है कि इफको के नवंबर 2017 में 50 साल पूरे हो जाएंगे।
भारत का सहकारी क्षेत्र 1960 के दशक के दौरान उर्वरकों के वितरण के लिए काफी हद तक जिम्मेदार था। इस क्षेत्र के पास उर्वरक वितरित करने के लिए पर्याप्त बुनियादी सुविधाएँ थी लेकिन खुद की कोई उत्पादन सुविधाएं नहीं थी।