अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के राज्य पशु ‘मिथुन’ के संरक्षण के लिए सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। केन्द्रीय कृषि और कृषि कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर के जनजातीय समुदायों के जीवन में मिथुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मिथुन के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के प्रयासों की आवश्यकताओं को साकार रूप देने के लिए कल पेरेन में एक नए कृषि विज्ञान केंद्र को कार्य सौंपा गया है।
अनुसंधान एवं विकास में, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का एनआरसी मिथुन इस बहुमूल्य पशु प्रजाति के संरक्षण पर अनुसंधान और सुधार करने के लिए विश्व का एकमात्र समर्पित संस्थान है।
मंत्री ने कहा कि इस संस्थान ने न सिर्फ जैव विविधता और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में मदद की है बल्कि पूर्वोत्तर के आर्थिक विकास और पारिस्थिति की स्थिरता में भी योगदान दिया दिया है अब इसे मिथुन के पालन के लिए वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी के विकास की दिशा में कार्य करना है।
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर में जनजातीय समुदाय करीब से `मिथुन’ कही जाने वाली इस दुर्लभ प्रजाति के पालन में जुड़ा है। हालांकि, मिथुन अन्य गोजातीय प्रजातियों से आनुवंशिक रूप से अलग हो सकते हैं, पर यह अपने पूर्वज `गौड’ के साथ एक आनुवंशिक समानता रखते हैं, पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार