एनसीयूआई से जुड़े सहकारी नेताओं ने वेमनीकॉम में केंद्रीय रजिस्ट्रार आशीष भूटानी के निदेशक के रूप में नियुक्त होने पर मंत्रालय के निर्णय पर आपत्ति जताई है। ऐसा पहली बार हुआ जब मंत्रालय ने बिना शीर्ष संस्था की राय पर सीधा प्रतिष्ठित सहकारी संस्था के प्रमुख को नियुक्त किया है।
मंत्रालय द्वारा जारी पत्र के अनुसार “अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से पुणे स्थित वेमनीकॉम के पद का प्रभार डॉ आशीष भूटानी, सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक को दिया जाता है।
पत्र के अनुसार, माननीय कृषि मंत्री ने इसका अनुमोदन किया है। पत्र उप निदेशक सेबेस्टियन जोसेफ द्वारा हस्ताक्षर किया गया है। पत्र की प्रति एनसीसीटी के अध्यक्ष को भेजी गई है।
इस मुद्दे पर एनसीयूआई ने जवाबी पत्र लिखा है।
मंत्रालय के आदेश ने एक तरह से वेमीनकॉम बोर्ड को मृत समझा लिया है जिसमें 10 सदस्यों में एनसीयूआई अध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी, निदेशक वेमनीकॉम समेत अन्य शामिल है, एक सहकारी नेता ने कहा।
हम मंत्रालय की इच्छाओं को निष्पादित करने के लिए तैयार हैं लेकिन नियुक्ति का आदेश मंत्रालय से नहीं एनसीयूआई से जाना चाहिए था, नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ सहकारी नेता ने बताया।
एमएससीए-2002 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बोर्ड का सर्वोच्च अधिकार है। यह सच है कि सरकार वेमनीकॉम के लिए धन उपलब्ध कराता है लेकिन चुनाव की पुष्टि बोर्ड द्वारा की जानी चाहिए, उन्होंने कहा।
लेकिन जब सरकार खुद अपने कानूनों पर अमल नहीं करती है तो कैसे किसी और से उम्मीद की जा सकती हैं, उन्होंने कहा।