इनेलो नेता और हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सतबीर सिंह कादियान को 20 साल से अधिक समय पुराने इफको भ्रष्टाचार मामले में विशेष अदालत ने शुक्रवार को सात साल के कारावास की सजा सुनाई।
इफको घोटाले मामले में फंसे हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सतबीर कादियान को कोर्ट में अपना खुद का बचाव करना महंगा पड़ गया। कादियान ने अपने बचाव करने के लिए कई गवाह पेश किए, इन गवाहों में इफको का एक अधिकारी ए.के. सोनी भी थे, परंतु सोनी की गवाही कादियान के पक्ष में जाने के बजाय खिलाफ चली गई।
विशेष जज जितेंद्र कुमार मिश्रा ने इस मामले में कादियान को दोषी करार देते हुए कहा कि सोनी ने अपनी गवाही में इफको के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की उस बैठक के वह मिनट पेश किए थे,जिनमें इफको के अतिरिक्त पैसे को निवेश करने की बात कही गई थी।
अदालत ने कहा कि इस मामले में कादियान ने अपने बचाव में गलत बयान दिया है। उसने ए.के. सोनी को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर पेश करके इस मामले में पूरे षड्यंत्र के परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की उस कड़ी को जोड़ दिया,जिसे अभियोजन पक्ष जोड़ नहीं पा रहा था।
अदालत ने कहा कि पूरा षड्यंत्र कादियान ने ही रचा था। इसके तहत कम ब्याज दर पर पैसा निवेश करवाया और इफको को 15 लाख का नुकसान हुआ।
बाद में यह पैसा यूको बैंक की मुबई ब्रांच में टेलिग्राफिक तौर पर ट्रांसफर कर दिया गया, जिससे कि हर्षद मेहता व विनायक इस पैसे का प्रयोग कर सकें। हालांकि बाद में यह पैसा हर्षद मेहता के खाते से इफको को ब्याज सहित दे दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी सुनील व करूणापति ने अपनी ड्यूटी नहीं निभाई और षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए सलाह दी। हालांकि आरोपी करूणापति ने सब कुछ सुनील के कहने पर किया था। इसलिए उसके प्रति कोर्ट ने सजा में नरमी बरती है।
सौजन्य : पंजाब केसरी