केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कोटा कर्मचारी सहकारी समिति लि. 108 आर के 96वें वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित किया। कोटा, राजस्थान में आयोजित हुए समारोह में सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सहकारी समितियों के पुनरूद्दार के लिए ठोस उपाय किए हैं। स्थानीय स्तर पर सहकारिता के जरिए किसानों एवं युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। गांव की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में काम हो रहा है, उन्होंने कहा।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने इस मौके पर कहा कि केन्द्र सरकार ने सहकारी समितियों के पुनरूद्दार के लिए ठोस उपाय किए हैं ताकि वे आर्थिक रूप से व्यवहारिक हों और उनके सदस्यों की सक्रिय सहभागिता से उन्हें गतिशील लोकतांत्रिक संगठन बनाया जा सके।
श्री सिंह ने कहा कि ऐसा करके सहकारिता समितियां प्रतिस्पर्धी वैश्विक अर्थव्यवस्था का सामना कर सकेंगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि में रोजगार के मौके बढ़ाने में सहकारी समितियों की अहम भूमिका है।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार किसानों को ज़रूरत के मुताबिक, समयबद्ध तरीके से ऋण मुहैया कराने के लिए तेजी से काम कर रही है। नाबार्ड किसानों एवं उत्पादकर्ताओं का समूह बनाकर उन्हें बैंकों से सस्ते कृषि ऋण मुहैया कराता है।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों को कृषि ऋण की उपलब्धता में काफी असंतुलन है और छोटे – बड़े किसानों को मिलने वाले कृषि ऋण में भी असमानता है। उन्होंने माना कि इस क्षेत्र में प्रति व्यक्ति ऋण उपलब्धता अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी कम है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के सर्वे के अनुसार 46 प्रतिशत किसान परिवार ऋण के बोझ से दबे हैं और ये ऋण विभिन्न संस्थाओं और गैर संस्थानों से लिए गये हैं।
श्री सिंह ने जानकारी दी कि एनसीडीसी सहकारी समितियों को कई तरह की आर्थिक मदद देती है ताकि वे जरूरतमंद लोगों के लिए रोजगार सृजित कर सकें।
श्री राधा मोहन सिंह ने वहां मौजूद सहकारी संगठन से जुड़े लोगों का आह्वान किया किया कि वे सहकारी आंदोलन के निर्माण और इसे मजबूत करने के साथ किसानों और कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा के लिए आगे आएं और इनमें सक्रिय सहयोग दें। अपने भाषण में श्री सिंह ने कोटा कर्मचारी सहकारी समिति लि. कोटा के कामों और उनकी उपलब्धियों की सराहना की।