भारत और इजरायल की खेती व उससे जुड़े अन्य उद्यमों में अपार संभावनाएं हैं। इसके दोहन के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अपने तीन दिवसीय दौरे के समापन पर कहा कि इजरायल की उन्नत डेयरी से भारत के किसान लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने मछली पालन और कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।
राधा मोहन ने इजरायली समकक्ष यूरी एरियल के साथ मुलाकात में दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अनुसंधान, डेयरी और मत्स्य पालन के क्षेत्र में सहयोग की पर्याप्त संभावनाएं है। इस दिशा में दोनों देशों की मौजूदा क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया है। सिंह इजरायल के अनुसंधान संगठन में भी गए। उन्होंने वहां फसल कटाई में उपयोग होने वाली मशीनरी, प्रौद्योगिकी व खाद्य प्रसंस्करण तकनीकी का प्रदर्शन देखा। सिंह ने इस बारे में कहा कि इनसे भारतीय किसानों को बहुत लाभ हो सकता है।
राधामोहन ने इजरायल में कृषि क्षेत्र में अनुसंधान कार्य में जुटे 30 भारतीय छात्रों से भी मुलाकात की। उन्होंने छात्रों से भी विभिन्न प्रौद्योगिकी व खेती की तकनीक पर चर्चा की। उन्होंने उन छात्रों को भारत में युवा कृषि वैज्ञानिकों के लिए आकर्षक योजनाओं के बारे में बताया। इजरायल के डेयरी क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो की सिंह ने प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय दूध उत्पादक किसानों को बहुत फायदा होगा।
हिब्रू यूनिवर्सिटी के कृषि संकाय में पशु विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों से बातचीत में राधा मोहन ने इजरायली तकनीक के बारे में उनसे बातचीत की। उन्होंने ऐसी मुर्गियां व मुर्गे देखे, जो पंख विहीन थे। वहां के रेगिस्तान की तुलना राजस्थान से करते हुए सिंह ने कहा कि भारत इजरायल से बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।
सौजन्य : जागरण