सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी एन.सत्यनारायण ने विमुद्रीकरण के चलते भारत के सहकारी बैंकों की दिक्कतों को कम करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से आग्रह किया।
ये बैंक किसानों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है और विमुद्रीकरण के चलते उन्हें बुवाई के मौसम में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने सूचना दी। पाठकों को याद होगा कि सहकारी बैंकों को उच्च मुद्राओं को बदलने में भाग लेने से वंचित किया गया है।
एनसीयूआई अध्यक्ष ने पैक्स को मजबूत बनाने पर जोर दिया और कहा कि पैक्स सहकारी आंदोलन की नीव है जिन्हें गोदामों और कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए सरकार द्वारा निधि देनी चाहिए। जिससे किसानों को मदद मिलेगा, उन्होंने कहा।
अपनी प्रस्तुती में सत्यनारायण ने अरुण जेटली से सहकारी समितियों के ऊपर से आयकर के बोझ को खत्म करने का आग्रह किया।
अन्य कृषि समूहों ने भी वित्त मंत्री अरुण जेटली से जिला सहकारी बैंकों को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने के लिए आग्रह किया जहां किसानों के सबसे ज्यादा बैंक खातें है।
कृषि समूहों के प्रतिनिधियों ने कृषि विश्विद्यालयों के लिए अनिवार्य कृषि विपणन अनुसंधान, कर्ज के संकट से किसानों को उबारने के लिए बजट में नई नीति तैयार करने को कहा।
इसके अलावा, कृषि समूहों ने कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकीय नवाचारों को विकसित करने किए प्रोत्साहन पुरस्कार से नवाजे जाने की बात कही।