सहकार भारती के सरंक्षक सतीश मराठे और अध्यक्ष ज्योतिंद्रभाई मेहता विमुद्रीकरण के मद्देनजर सहकारी सम्मेलनों समेत विभिन्न राज्यों का दौरा, मंत्रियों के साथ बैठक करने में व्यस्त है।
इस सप्ताह दोनों नेताओं ने चंढ़ीगढ़ में आयोजित सहकार भारती के सम्मेलन में भाग लिया था। ज्योतिंद्र मेहता ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि “सहकार भारती का दूसरा अधिवेशन चंढ़ीगढ़ में। महान सफलता”।
कई वरिष्ठ आरएसएस और सहकार भारती के नेता इस अवसर पर उपस्थित थे। वरिष्ठ नेताओं में प्रेम गयोलजी, विजय देवंगाजी, स्वर्णसिंह गरचा, सुशील कौशल समेत अन्य शामिल थे।
पिछले सप्ताह सहकार भारती के कई वरिष्ठ नेताओं ने केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह से केंद्रीय रजिस्ट्रार और एनसीयूआई अधिकारी की उपस्थिति में मुलाकात की थी। मुद्दा एनसीसीटी पाठ्यक्रम में सहकार भारती मॉडल का समावेश करना था।
पाठकों को याद होगा कि राधा मोहन सिंह ने पहले एनसीसीटी के पाठ्यक्रम में सहकार भारती के मॉडल के बारे में घोषणा की थी। एनसीसीटी देश में 20 से अधिक प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन करता है। सिंह ने दिल्ली में स्वर्गीय लक्ष्मणराव इनामदार के शताब्दी समारोह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा था।
बाद में मराठे ने दिल्ली में शहरी सहकारी बैंकों की महासंघ की बोर्ड की बैठक में भाग लिया।