केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वरिष्ठ सहकारी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को आश्वसन दिया कि सहकारी बैंकों के मामले में गौर किया जाएगा और तत्काल कोई कार्रवाई भी की जाएगी। छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में एनसीयूआई अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव और नेफस्कॉब अध्यक्ष दिलीपभाई संघानी ने संसद भवन में सोमवार को मुलाकात की और विमुद्रीकरण से उत्पन्न परेशानियों को कम करने का अनुरोध किया।
“मैं रिजर्व बैंक के गर्वनर से मुलाकात करूंगा और आपके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर निश्चित रूप से बात करूंगा, जेटली ने कहा। भारतीय सहकारिता से बातचीत में एनसीयूआई अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि “मंत्री के सकारात्मक रूख को देखकर खुश हूं”।
पाठकों को याद होगा कि जिला सहकारी बैंकों को पुराने नोटों के आदान-प्रदान से वंचित किया गया है। इसको लेकर देश भर की अदालतों में कई केस भी चल रहे हैं।
नफस्कॉब के अध्यक्ष दिलीपभाई संघानी ने कहा कि “आरबीआई को जिला सहकारी बैंकों को पुराने नोटों के आदान-प्रदान की इजाजत देनी चाहिए”।
इसकी वजह से हम नाबार्ड को ऋण का भुगतान करने में सक्षम नहीं है, संघानी ने बैठक के तुरंत बाद भारतीय सहकारिता से बातचीत में कहा। “हमारे पास बैंकिंग लाइसेंस है और भारत सरकार को अन्य बैंकों की तरह सहकारी बैंकों को भी लाभ देना चाहिए, उन्होंने कहा।
सहकारी बैंक द्वारा मनी लांड्रिंग के सवाल का जवाब देते हुए चंद्रपाल ने कहा कि “नहीं, वित्त मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंक में अत्याधुनिक तकनीकी नहीं होने की वजह से ये बैंक नकली और असली नोटों की पहचान करने में असमर्थ हो सकते हैं”।
गुजरात राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष अजयभाई पटेल, एनसीयूआई उपाध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह, नफस्कॉब प्रबंध निदेशक भीमा सुब्रहमण्यम और वी.पी.सिंह इस अवसर पर उपस्थित थे।