दिलीपभाई संघानी ने बजट पूर्व विचार-विमर्श के मामले में केंद्र सरकार द्वारा नजरअंदाज किए जाने की शिकायत की। संघानी देश के सहकारी बैंकों की शीर्ष संस्था नेफस्कॉब के अध्यक्ष है।
संघानी जो गुजरात में प्रधानमंत्री के कैबिनेट सहयोगी थे, ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेतली को पत्र लिखकर नेफस्कॉब को बजट पूर्व विचार-विमर्श में आमंत्रित करने की बात कही।
पाठकों को याद होगा कि विमुद्रीकरण के चलते सहकारी बैंक मीडिया सुर्खियों में थे।
जेतली ने सहकारी क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जिसमें एनसीयूआई, इफको, सहकार भारती समेत अन्य शामिल हैं। यह पहली बार नहीं है कि सहकारी बैंकों की शीर्ष संस्था को नजरअंदाज किया गया है।
नेफस्कॉब के महत्व को रेखांकित करते हुए संघानी ने लिखा कि “नेफस्कॉब अल्पकालिक सहकारी ऋण संरचना का शीर्ष संगठन है जो राज्य सहकारी बैंक, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करता है।
हालांकि, नेफस्कॉब के साथ बजट पूर्व विचार-विमर्श हाल के दिनों किन कारणों से रूक गया है हमको पता नहीं है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि नेफस्कॉब के साथ विचार-विमर्श को फिर से शुरू किया जाना चाहिए, पत्र की एक कॉपी संघानी कार्यालय द्वारा भारतीय सहकारिता को भेजी गई।