दिल्ली स्थित जामिया सहकारी बैंक के अध्यक्ष एम.क्यू.एच.बेग ने विमुद्रीकरण के मद्देनजर कामकाज में किसी भी धूर्तता से इंकार किया है।
आयकर अधिकारियों द्वारा शहरी सहकारी बैंक में छापे का जिक्र करते हुए बेग ने तर्क दिया कि “हमारा बैंक दिल्ली का पहले बैंक जिसने एंटी मनी लॉन्ड्रिंग सॉफ्टवेयर स्थापित किया है और इस मामले में हमारा बैंक लिप्त नहीं है”।
उन्होंने स्वीकारा कि आयकर अधिकारियों ने पाया कि 126 करोड़ रुपये 70,000 खाता धारकों में जमा हुए थे जिसमें से 298 खाते विमुद्रीकरण के चलते खोले गए थे और करीब 50 हजार रुपये 540 निष्क्रिय खातों में जमा थे, बैंक के अध्यक्ष ने कहा।
जामिया सहकारी बैंक, कांगड़ा सहकारी बैंक के बाद दिल्ली-एनसीआर में दूसरा सबसे बड़ा शहरी सहकारी बैंक है।
बैग ने खुद माना की कुछ खातो में असामान्य गतिविधियां देखी गई है। गौरतलब है कि हाल ही में आयकर विभाग के अधिकारियों ने बैंक की बटला हाउस, सराय जुलाने, अबुल फजल एन्कलेव और जसोला शाखाओं पर छापा मारा था।