केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस बार के बजट से यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो गयी कि मोदी सरकार गांव, गरीब और किसानों के लिए काम कर रही है। उन्होंने वर्ष 2016-17 के लिए बजट प्रावधान 44,250 करोड़ रुपये था जो कि वर्ष 2017-18 के लिए 15.31 प्रतिशत बढ़ाकर 51,026 करोड़ रुपये किया गया है।
सिंह ने आगे कहा कि पिछले वर्ष का 2 प्रतिशत कृषि विकास दर को इस वर्ष बढ़कर 4.1 प्रतिशत हो जाना इस बात को दर्शाता है कि सरकार किसानों और खेतीबाड़ी की बेहतरी के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रही है। किसानों की आय 5 वर्षों में दुगुनी करने की सरकार की प्रतिबद्धता भी इस बजट में रेखांकित हुई है।
साथ ही श्वेत एवं नीली क्रान्ति के संकल्प को भी इस बजट में उजागर किया गया है। आम बजट में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शी योजनाएं गढ़ी गई हैं। जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए नौ हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाना। इससे किसानों की फसल सुरक्षा का दायरा बढ़ जाएगा।
सिंह ने कहा कि किसानों की आय 5 वर्षों में दुगुनी करने की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रकटीकरण इस बजट में हुआ है। पूर्व की योजनाओं को गतिमान बनाने का प्रावधान किया गया है।
केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि इस बजट में कृषि व किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया है। सरकार ने दस लाख तालाब बनाने की बात की है। यह बहुत ही बड़ा और सराहनीय कदम है। तालाबों से किसान सिंचाई के साथ-साथ मछली पालन कर अपनी आय को दुगना कर सकेंगे।
पिछले साल पांच लाख तालाब बनाए गए थे।
इसके अलावा मनरेगा के जरिए किसानों को सौ दिन रोजगार उपलब्ध करवाने की बात कही है। यह भी अच्छा कदम है। ड्रॉप मोर क्रॉप योजना के तहत पांच हजार करोड़ रुपये के लांग टर्म इरीगेशन फंड से अब उन एरिया में भी सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जा सकेगा, जहां अभी तक पानी नहीं पहुंचता था।
ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे की समस्याच से लड़ने के लिए विगत वर्ष में 5 लाख तालाबों को बनाने का निश्चीय मनरेगा से किया गया था। इस साल भी 5 लाख नये तालाब बनाये जाएंगे।