केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि सरकार किसानों को मार्केट से जोड़ने और उनके लिए एक ठोस मार्केंटिंग ढांचा खड़ा करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह बात नई दिल्ली में कमोडिटीज मार्केट की गतिशीलता बदलना विषय पर सीपीएआई द्वारा आयोजित सम्मेलन में ये बात कही।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि उपज का संगठित विपणन राज्य सरकारों द्वारा विनियमित मंडियों द्वारा किया जाता है, जिनकी कुल संख्या देश में 6746 है I
वर्तमान सरकार ए पी एम सी मंडी खोलने के साथ विपणन कानूनों में सुधार करवाकर निजी क्षेत्र में भी मंडी स्थापित करवाने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित कर रही है।
उन्होंने कहा कि ई-नैम के द्वारा किसानों की पहुंच देश के अनेक मंडियों एवं विक्रेताओं से स्थापित हो रही है। ई-नैम के जरिए किसान किसी भी जगह बैठकर ऑनलाइन ट्रेडिंग के द्वारा अपनी फसल को बेच सकता है तथा इसके लिए वह उपज की गुणवत्ता अनुरूप उत्तम मूल्य प्राप्त कर सकता है। यदि उसे मूल्य पसंद न हो तो वह ऑनलाइन द्वारा की गयी सर्वोच्च बोली को भी नकार सकता है।
इसमें किसान को अपने फसल की धनराशि का ऑनलाइन भुगतान सीधे उनके खाते में प्राप्त होती है। ई-नाम पोर्टल से वर्ष 2018 तक कुल 585 मंडियों को जोड़े जाने की योजना है । अब तक 12 राज्यों के 277 मंडियों को ई-नैम से जोड़ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर और अन्य देशों के लिए अनाज का निर्यात करने वाला देश बन गया है कृषि विकास दर 2% से बढ़कर 4.4% हो गई है जो यह दर्शाती है कि सरकार किसानों और कृषि की भलाई के लिए गंभीरता से काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल बजट की तुलना में वर्ष 2017-18 के बजट में, ग्रामीण, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए निधि में 24% की वृद्धि हुई है, अब यह 1,87,223 करोड़ रुपये है।