उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बुधवार को मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया और राज्य का सहकारी विभाग मुकुत बिहारी वर्मा को सौंपा गया। जानकार सूत्रों का कहना है कि राज्य के सहकारी क्षेत्र में बदलाव के आसार बढ़े हैं।
राज्य के अधिकतर सहकारी संगठनों पर सपा नेता मुलायम सिंह के परिवार के लोग डेरा जमाया बैठे हैं। चाहे वे प्रदेशिक सहकारी संघ हो या जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के उच्च पदों पर उनके रिश्तेदार ही तैनात है।
गौरतलब है कि हाल ही में बड़ी चालाकी से शिवपाल ने पीसीएफ का चुनाव कराया और अपने बेटे आदित्य यादव को अगले कार्यकाल तक निर्वाचित करवा लिया। उनका कार्यकाल 2018 में खत्म होना था लेकिन उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वे अपने बेटे के भविष्य के बारे में बहुत आश्वस्त नहीं थे।
भाजपा ने शिवपाल सिंह यादव पर गलत ढंग से चुनाव की तारीख में फेरबदल करने का आरोप लगाया था।
लेकिन सीनियर यादव अपने बेटे के भविष्य के बारे में चिंतित थे और वह चाहते थे कि आदित्य आगले पांच साल तक पीसीएफ का अध्यक्ष बना रहे।
शिवपाल की पत्नी भी राज्य के एक सहकारी बैंक की अध्यक्ष हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि सहकारी संगठनों पर यादव परिवार के लोगों का कब्जा है।
सहकारी नेताओं को पता होगा कि केसरगंज से भाजपा के विधायक मुकुट बिहारी ने बसपा के उम्मीदवार खालिद खान को 25,000 से अधिक मतों से हराया था।