कई सहकारी नेताओं ने गुजरात राज्य सहकारी संघ द्वारा आयोजित रविवार को गांधीनगर में एक मेगा सहकारी सम्मेलन में शिरकत की। सम्मेलन का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने किया।
इस अवसर पर रूपानी ने कहा कि हमें गुजरात के सहकारी आंदोलन पर नाज़ है और यहां कई राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्थाओं के नेता मौजूद हैं जिन्होंने इसे मजबूत बनाने में अपना योगदान दिया है।
उन्होंने दिलीपभाई संघानी, ज्योतिंद्र मेहता, वी.आर पटेल और जी.एच.अमीन का नाम लिया। संघानी सहकारी बैंकों की शीर्ष संस्था नेफस्कॉब के अध्यक्ष है, ज्योतिंद्र मेहता शहरी सहकारी बैंकों और क्रेडिट सोसायटियों की शीर्ष संस्था नेफकॉब के अध्यक्ष है वहीं वी.आर.पेटल नफेड के अध्यक्ष हैं और जी.एच.अमीन सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई के उपाध्यक्ष है।
सहकारी नेताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के सहकारी आंदोलन को और मजबूत बनाने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने राज्य की 74 हजार से अधिक सहकारी समितियों से जुड़े करीब 15 लाख सहकारी सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि सहकारिता के प्रति उनकी लगन राज्य को विकसित करने में मदद करेगी।
रूपानी ने अमूल, बारोडोली चीनी और इफको के सकारात्मक योगदान की बात कही। उन्होंने सहकारी बैंकों और सहकारी संगठनों को पुरी तरह से डिजिटल अर्थव्यवस्था को अपनाने पर जोर दिया।
एनसीयूआई अध्यक्ष और राज्य सभा सांसद डॉ चंद्रपाल सिंह यादव ने राज्य के सहकारी मॉडल की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि आने वाले समय में भारत को नई दिशा मिलेगी। विशेष रूप से यादव ने महसूस किया कि डिजिटल ड्राइव से एक नया युग शुरू होगा।
समारोह के बाद भारतीय सहकारिता से बातचीत में यादव ने कहा कि “अगर गुजरात का सहकारी मॉडल पूरे भारत में दोहराया जाता है तो वह ग्रामीण जनसंख्या की गरीबी हटाने में काफी कारगार साबित होगा”।
कई महत्वपूर्ण नेताओं में उपमुख्यमंत्री नितिनभाई पटेल, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरषौत्तम रूपाला और राज्य के सहकारिता मंत्री शामिल थे।
गुजरात राज्य के सहकारी नेताओं के अलावा, इस मौके पर बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह भी उपस्थित थे। हॉल पूरी तरह से सहकारी नेताओं से भरा हुआ था।