मित्रों,
आज से 50 साल पहले भारतीय अर्थव्यवस्था अपने आरंभिक दौर से गुजर रही थी। इसी क्रम में एक परिवर्तनकामी उद्देश्य के साथ इफको का उदय हुआ।
आज हमारी अर्थव्यवस्था काफी आगे निकल चुकी है और दुनिया की सर्वाधिक शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं को टक्कर दे रही है। आर्थिक प्रगति की इस राह पर इफको भी अग्रसर है।
‘परिवर्तन का परिणाम’ होने से लेकर ‘परिवर्तन का वाहक’ बनने के लंबे सफर में इफको ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। बावजूद इसके, हम इसलिए टिके हुए हैं कि हमने परिवर्तन के अनुसार खुद को ढाल लिया है।
सर्वोत्तम औद्योगिकी एवं उत्कृष्ट कार्यशैली को अपनाते हुए हमने सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तनों के साथ भी तालमेल बैठाया है।
इन सबके साथ-साथ तकनीकी टीम के उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन के परिणामस्वरूप हमने वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल 84.78 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का उत्पादन किया, जिसमें 43.27 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 41.51 लाख मीट्रिक टन काॅम्प्लेक्स उर्वरक शामिल हैं।
उत्कृष्ट कार्य-प्रदर्शन एवं पर्यावरण हितैषी विनिर्माण प्रविधियों के लिए हमारे संयत्रों को अनेक सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
हमारे संयंत्रों ने किफायती ऊर्जा खपत के द्वारा उत्पादन और क्षमता उपयोग के निर्धारित लक्ष्य को बखूबी हासिल किया है।
दूरदर्शी प्रधानमंत्राी श्री नरेंद्र मोदी जी के विमुद्रीकरण के दूरगामी और साहसिक फैसले के साथ कदम मिलाते हुए इफको ने भी अपने सभी बिक्री केन्द्रों पर डिजिटल लेन देन की सुविधा उपलब्ध कराई और किसानों को इसके लाभ बताये। नकदी के अभाव में देश के किसानों को उर्वरक मिलने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए हमने हर सम्भव प्रयास किए, भले ही हमें माल उधार ही क्यों न देना पड़ा हो।
हालांकि, हम बिक्री के अच्छे आंकड़े हासिल करने में कामयाब रहे लेकिन हमें अपनी मार्केटिंग टीम से इससे भी बेहतर की उम्मीद थी। हम सबके लिए यह एक सबक है, हमें समय के साथ बदलने और अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
इन तमाम कठिनाइयों के बीच अच्छी बात यह रही कि संकटग्रस्त आर्थिक परिदृश्य में भी हमारा मुनाफा 1000 करोड़ रूपये के अनुमानित बजट को पार कर गया। इसके लिए फाईनेंस टीम बधाई की पात्रा है।
मैं इफको के सभी कर्मचारियों को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।
दोस्तो, संस्था की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में हमने अपने हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) तक पहुंचने के उद्देश्य से 3 नवंबर 2016 से एक साल का अनूठा सम्पर्क अभियान शुरू किया है। स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान, मैं भारत में 125 से अधिक चुनिंदा स्थानों की यात्रा कर देशभर के किसानों और सहकारी बंधुओं से मिल रहा हू। इस अभियान के माध्यम से हमारी यह कोशिश है कि हम देश के किसानों एवं सहकारी बंधुओं के साथ इफको की उपलब्धियों को सांझा करें। निस्सन्देह इफको आज जिस ऊचाई तक पहुंची है उसमें सबसे बड़ी भागीदारी इन्हीं किसानों और सहकारों की है।
अंत में, मैं आप सभी को नए वित्तीय वर्ष (2017-18) के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मैं इफको के अध्यक्ष श्री बी. एस. नकई, उपाध्यक्ष श्री एन.पी.पटेल और निदेशक मंडल के सदस्यों को भी उनके सतत सहयोग और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देता हूँ।
मैं इस अवसर पर इफको के कर्मचारियों, अधिकारियों, इफको एम्प्लाॅइज यूनियन और इफको आॅफिसर्स एसोशिएशन को भी धन्यवाद देता हूँ।
मैं अपने संयुक्त उद्यम भागीदारों के साथ-साथ उर्वरक विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय और अन्तरराष्ट्रीय मीडिया का भी समय≤ पर मिलने वाले उनके सहयोग एवं समर्थन के लिए आभारी हूँ।
डॉ यू.एस.अवस्थी