किसानों की उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने इस वर्ष मारीशस के हिन्दी लेखक रामदेव धुरंधर को ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान’ 2017 के लिए चुना है। ऐसा पहली बार है कि किसी विदेशी लेखक को पुरस्कृत किया जाएगा।
धुरंधर का चर्चित उपन्यास ‘पथरीला सोना’ छः खंडों में प्रकाशित है। अपने इस महाकाव्यात्मक उपन्यास में उन्होंने किसानों-मजदूरों के रूप में भारत से मारीशस आए अपने पूर्वजों की संघर्षमय जीवन-यात्रा का कारुणिक चित्रण किया है।
देवी प्रसाद त्रिपाठी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने रामदेव धुरंधर का चयन उनकी साहित्य-साधना और व्यापक साहित्यिक अवदान को ध्यान में रखकर किया है। चयन समिति में वरिष्ठ आलोचक नित्यानन्द तिवारी और श्री मुरली मनोहर प्रसाद सिंह के अतिरिक्त वरिष्ठ कथाकार श्रीमती चंद्रकांता और वरिष्ठ कवि डॉ. दिनेश कुमार शुक्ल शामिल थे, इफको द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।
निर्णायक मंडल के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी ने कहा कि “मारीशस के हिन्दी लेखक के चयन से इस सम्मान को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। भारतवंशियों की संघर्ष गाथा को मुखरित करने वाले रामदेव धुरंधर का सम्मान भारतीय परंपरा और संस्कृति का भी सम्मान है”, अवस्थी ने कहा।
रामदेव धुरंधर ने ‘छोटी मछली बड़ी मछली’, ‘चेहरों का आदमी’, ‘बनते बिगड़ते रिश्ते’, ‘पूछो इस माटी से’ जैसे अन्य उपन्यास भी लिखे हैं। “विष–मंथन”तथा “जन्म की एक भूल” उनके दो कहानी संग्रह हैं। इसके अतिरिक्त उनके अनेक व्यंग्य संग्रह और लघु कथा संग्रह भी प्रकाशित हैं।
मूर्धन्य कथाशिल्पी श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में वर्ष 2011 में शुरू किया गया यह सम्मान प्रति वर्ष किसी ऐसे हिन्दी लेखक को दिया जाता है जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो।
अब तक विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, मिथिलेश्वर, अष्टभुजा शुक्ल एवं कमलाकांत त्रिपाठी को यह सम्मान प्रदान किया गया है। सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र तथा ग्यारह लाख रुपये की राशि का चैक प्रदान किया जाता है।
यह सम्मान 31 जनवरी, 2018 को नई दिल्ली में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।