
“नेपाल में सहकारिता ने 40 प्रतिशत जिलों को कवर किया है और यह कृषि सहकारी क्रेडिट समितियों के माध्यम से किया जा रहा है”, नेपाल स्थित सूचाना चातौरी संचार सोसायटी की बोर्ड सदस्य रमिला श्रेष्ठा शाक्य ने बताया।
शाक्य ने यह बात दिल्ली में नेपाल के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कही। इस समारोह का आयोजन एनसीयूआई की प्रशिक्षण विंग नेशनल सेंटर फॉर कोऑपरेटिव ट्रेनिंग (एनसीसीई) ने किया।
शाक्य ने कहा कि “नेपाल में 51 प्रतिशत महिलाएं सहकारी आंदोलन से जुड़ी हुई है और हमारा लक्ष्य इंडो-नेपाली सहकारी संबंधों को गहरा करना है”।
उन्होंने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि नेपाली सहकारी समितियों के कुशल प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण बहुत आवश्यक है।
समारोह में 26 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें सूचाना चातौरी संचार सहकारी समिति, जय मंगलम सेविंग और क्रेडिट सहकारी सोसायटी, यज्ञश्री सेविंग एंड क्रेडिट सहकारी सोसायटी, सुवासहयोग सेविंग और क्रेडिट सहकारी सोसायटी समेत अन्य सोसायटियां मौजूद थीं।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन एनसीयूआई के सीई, एन सत्यनारायण ने किया, जिन्होंने सोसायटी और आईसीए-एपी समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से कार्यक्रमों के संदर्भ में डिजिटलीकरण की बात की।
उन्होंने नेपाल के सहकारी आंदोलन को मजबूत करने पर जोर दिया ताकि सहकार की भावना दक्षिण एशिया में प्रबल हो सके।
इस अवसर पर डॉ वी के दुबे, निदेशक एनसीसीई ने अपने संबोधन में कहा कि एनसीसीई, सिक्टेब की मदद से विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है जिसमें सार्क देशों के प्रतिनिधि बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
इस कार्यक्रम का समन्वय डॉ ए आर श्रीनाथ ने किया।