उत्तराखंड सरकार ने फर्जी सहकारी समितियां जो गलत विज्ञापनों का प्रकाशन करके सदस्यों के पैसों का गबन करती है के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का फैसला किया है।
राज्य सरकार ने पाया कि राज्य में कई सहकारी समितियां ऐसी हैं जिनके पास कोई मान्य पता तक नहीं है। सूत्रों का कहना है कि करीब 12 सहकारी समितियां शक के घेरे में हैं।
राज्य सरकार ने इससे निपटन के लिए आर्थिक अपराध विंग की तर्ज पर एक विशेष टीम बनाने का फैसला किया है। सरकार जमाकर्ताओं के हित में पीआईडी अधिनियम में भी संशोधन करने पर विचार कर रही है।
सूत्रों के अनुसार सरकार केंद्रीय रजिस्ट्रार को इस तरह की फर्जी सहकारी समितियों के पंजीकरण को रद्द करने की मांग करेगी। राज्य में पीआईडी अधिनियम पर जागरूकता अभियान शुरू करने में आरबीआई भी शामिल है।