एनसीयूआई ने हाल ही में गुजरात के गांधीनगर स्थित उदयभानसिंह रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव मैनेजमेंट के साथ मिलकर सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में अहमदाबाद के केंद्रीय विद्यालय के 50 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के पहले दिन, शिक्षकों को सहकारिता के सिद्धांतो, मूल्यों, सहकारिता कैसे कॉर्पोरेटों से अलग है, इसकी सफलता की कहानियां समेत अन्य विषयों पर व्याख्यान दिया गया।
प्रतिभागियों को सहकारिता में अपना कैरियर बनाने के लिए आगे आने पर विशेष ध्यान दिया गया। वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रतिभागियों को अमूल संयंत्र और चाओटर गैस सहकारी समिति का दौरा कराया गया।
एनसीयूआई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रतिभागियों ने इन सफल सहकारी समितियों का दौरा कर इनके कामकाज करने के ढंग की सराहना की और इससे जुड़े कई प्रश्न पूछे। ये लोग खासकर अमूल के संचालन के तौर तरीकों से अभिभूत दिखें।
शिक्षकगण यह देखकर प्रभावित हुए कि कैसे गैस सहकारी समिति में महिला सदस्य गैस भरने का काम कर रही है और सीधे ग्राहकों के साथ संपर्क साध रही है। वे महिलाओं के कौशल को देखकर आश्चर्यचकित थे।
कार्यक्रम के समापन समारोह में जे.प्रसाद, उप आयुक्त (आई/सी), केवीएस, अहमदाबाद ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्राप्त प्रतिक्रिया काफी उत्साहजनक रही, एनसीयूआई ने प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया।
प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि कार्यक्रमों की अवधि कम से कम तीन से चार दिन की होनी चाहिए और कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय विद्यालयों के प्रिंसिपलों के लिए भी किया जाना चाहिए ताकि स्कूल की उच्च प्रबंधन समिति को भी सहकारिता के महत्व के बारे में पता चल सके।
कार्यक्रम में इस बात पर भी जोर दिया गया कि शिक्षकों को छात्रों को सहकारी समितियों के ऊपर प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। एनसीयूआई के डिप्टी डायरेक्टर संजय वर्मा ने कार्यक्रम का समन्वय किया।